Today Chandra Grahan Time: आज यानी 7 सितंबर 2025 की रात्रि एक अत्यंत महत्वपूर्ण खगोलीय घटना चंद्र ग्रहण होने जा रहा है। यह ग्रहण रात 09:58 बजे शुरू होकर अगले दिन, 8 सितंबर को सुबह 01:26 बजे समाप्त होगा। पूरे भारत सहित कई देशों में यह पूर्ण चंद्र ग्रहण देखने को मिलेगा। इस ग्रहण की अवधि लगभग 3 घंटे 28 मिनट की होगी। आइए जानते हैं आज के चंद्र ग्रहण का समय, आयोजन, धार्मिक महत्व, सूतक काल, ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें, तथा इससे जुड़ी ज्योतिषीय बातें विस्तार से।
चंद्र ग्रहण क्या होता है?
चंद्र ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा, पृथ्वी की छाया में आ जाता है। पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है और इसकी छाया चंद्रमा को पूरी तरह या आंशिक रूप से ढक लेती है। जब छाया पूरी तरह चंद्रमा को ढक लेती है, तब पूर्ण चंद्र ग्रहण होता है। इस दौरान चंद्रमा लालिमा लिए हुए दिखाई देता है, जिसे ब्लड मून (लाल चंद्र) कहा जाता है। इसे स्वाभाविक और प्राकृतिक खगोलीय घटना माना जाता है।

Today Chandra Grahan Time
- ग्रहण आरंभ का समय : रात 9:58 बजे (21:58)
- ग्रहण का मध्य काल (पूर्णता) : लगभग 11:48 बजे रात
- ग्रहण समाप्ति का समय : सुबह 1:26 बजे (01:26)
- ग्रहण की कुल अवधि: 3 घंटे 28 मिनट
- सूतक काल प्रारंभ: 7 सितंबर दोपहर 12:58 बजे से शुरू होकर ग्रहण समाप्ति तक रहेगा
यह ग्रहण पूर्वभाद्रपद नक्षत्र और कुंभ राशि में लगने वाला पूर्ण चंद्र ग्रहण है। भारत के लगभग सभी बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, चेन्नई, लखनऊ, पटना, अहमदाबाद, जयपुर सहित अन्य भूभाग में इसे स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
चंद्र ग्रहण का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व
चंद्र ग्रहण को हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, ग्रहण के समय पृथ्वी पर राहु का प्रभाव अधिक होता है जिससे नकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ सकता है। इसके कारण ग्रहण काल में पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान वर्जित माने जाते हैं।
- यह समय निषिद्ध कार्यों से बचने और नियमों का पालन करने का होता है।
- गर्भवती महिलाओं, बीमार और मानसिक रोगियों के लिए विशेष सावधानी की सलाह दी जाती है।
- ग्रहण का प्रभाव व्यक्ति के स्वास्थ्य, मनोवस्था और भाग्य पर पड़ सकता है, इसलिए इस समय विशेष उपाय किए जाते हैं।
चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक काल क्या है?
सूतक काल वह समय होता है जो ग्रहण से पहले शुरू होकर ग्रहण समाप्ति तक रहता है। इसके दौरान शास्त्रानुसार कुछ काम वर्जित होते हैं। इस बार सूतक काल 7 सितंबर को दोपहर 12:58 बजे से शुरू हो चुका है और ग्रहण खत्म होने तक रहेगा। सूतक के दौरान निम्नलिखित सावधानियां रखनी चाहिए:
- भोजन और जल ग्रहण सावधानी से करें।
- पूजा-अर्चना, धार्मिक अनुष्ठान, नहाना, बाल-कटवाना वर्जित माना जाता है।
- किसी नए काम की शुरुआत न करें।
- गर्भवती महिलाओं को बाहर निकलने से बचना चाहिए और नुकीली वस्तुएं न उपयोग करना चाहिए।
आज के चंद्र ग्रहण का सूतक काल 7 सितंबर 2025 को दोपहर 12:57 बजे से शुरू होकर ग्रहण खत्म होने तक, यानी 8 सितंबर की सुबह 1:26 बजे तक लागू रहेगा। इस अवधि में पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार कई धार्मिक क्रियाओं और शुभ कार्यों पर रोक होती है। विशेष रूप से बच्चे, बुजुर्ग और बीमार लोगों के लिए शाम 6:36 बजे से सूतक काल प्रभावी माना गया है। यह सूतक ग्रहण के 9 घंटे पहले से शुरू होता है और ग्रहण के समाप्त होने तक चलता है।
सूतक काल में भोजन करना, खाना बनाना, पूजा-पाठ, स्नान जैसे कई काम वर्जित होते हैं और मंदिर बंद रहते हैं। गर्भवती महिलाओं को भी विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
स्रोतों के अनुसार दोपहर 12:57 से सूतक शुरू हो गया है और यह अगले दिन सुबह 1:26 बजे समाप्त होगा.
चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें?
- ग्रहण देखने के लिए सुरक्षित स्थान चुनें, आंखों को सीधे ईclipse की चमक वाले हिस्से में न देखें।
- ग्रहण के समय ध्यान, प्राणायाम या मंत्र जाप करें।
- इस समय घर और आसपास साफ-सफाई रखें।
- अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखें, दीप प्रज्ज्वलित करें।
- परिवार के सदस्य एक दूसरे का ध्यान रखें खासकर बीमार या कमजोर सदस्य।
चंद्र ग्रहण के दौरान क्या न करें?
- ग्रहण के दौरान नहाना, खाना बनाना, बाल कटवाना या किचिन की सफाई वर्जित है।
- ग्रहण की अवधि में किसी भी पूजा या धार्मिक समारोह का आयोजन न करें।
- गर्भवती महिलाओं को बाहर निकलने या नुकीली वस्तुएं इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
- नकारात्मक विचारों और कष्टों से बचें, तनाव न लें।
- ग्रहण काल में खरीददारी, व्यापारी कार्य या नए जोखिम वाले कार्य टालें।
चंद्र ग्रहण से जुड़ी वैज्ञानिक बातें
आधुनिक विज्ञान के अनुसार ग्रहण खगोलीय घटना है जो कक्षीय पिंडों की स्थिति से होती है। इसे देखकर वैज्ञानिक खगोलशास्त्र के अध्ययन में सहायता प्राप्त करते हैं। आज का ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण है जहां चंद्रमा पूरी तरह पृथ्वी की छाया में आ जाता है। यह घटना वैज्ञानिक तथ्य और धार्मिक विश्वास का संयोग है।
आज ग्रहण कब-कहां दिखाई देगा?
- दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, लखनऊ, पटना, जयपुर, और देश के अन्य बड़े हिस्सों में साफ दिखाई देगा।
- इसके अलावा यूरोप, अफ्रीका, पूर्वी ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के कुछ हिस्सों में भी यह ग्रहण दृश्य होगा।
चंद्र ग्रहण के बाद के लिए उपाय और सुझाव
- ग्रहण के बाद अगर किसी प्रकार की मनोनिग्रह या नकारात्मक प्रभाव अनुभव हो, तो पूजा, हवन, यज्ञ आदि करा सकते हैं।
- विशेष मंत्र जाप जैसे “ॐ नमः शिवाय” या “ॐ अश्वत्थामाय विद्महे” आदि ग्रहण के प्रभाव से सुरक्षा देते हैं।
- गरीबों, अनाथों या जरूरतमंदों को भोजन या वस्त्र दान करना शुभ माना जाता है।
निष्कर्ष
आज 7 सितंबर 2025 की रात होने वाला चंद्र ग्रहण, जो भारत समेत विश्व के कई हिस्सों में देखा जाएगा, आध्यात्मिक, ज्योतिषीय और खगोलीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है। ग्रहण के दौरान सावधानियां रखना जरूरी है ताकि इसके नकारात्मक प्रभाव से बचा जा सके। इस प्राकृतिक चमत्कार का सौभाग्य पूर्ण श्रद्धा और जागरूकता के साथ ग्रहण करें।
यह विस्तृत आर्टिकल चंद्र ग्रहण के आज के समय, धार्मिक नियम, उपाय, ज्योतिषीय प्रभाव और वैज्ञानिक तथ्यों को समझाने में सहायक है। आशा है यह जानकारी आपके लिए लाभकारी और ज्ञानवर्धक होगी।


