Tuesday, August 5, 2025
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Air India Flight Crash Report: AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट जारी, विशेषज्ञों के सवालों के घेरे में!

Air India Flight Crash Report: आखिरकार 12 जून की भीषण Air India flight crash के एक महीने बाद भारतीय विमानन दुर्घटना जाँच ब्यूरो (AAIB) ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी कर दी है। यह air india flight crash report 260 लोगों की जान लेने वाली उस त्रासदी पर प्रकाश डालती है जब अहमदाबाद से लंदन जा रही फ्लाइट AI171 उड़ान भरने के ठीक बाद क्रैश हो गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, विमान के दोनों इंजनों का ईंधन आपूर्ति स्विच कटऑफ पोजिशन में चला गया था, जिससे इंजन बंद हो गए और विमान तेजी से जमीन पर आ गिरा ।

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लेकिन यह रिपोर्ट जितने जवाब देती है, उससे कहीं ज्यादा सवाल खड़े करती है। विमानन विशेषज्ञ सुनील लज़ार कहते हैं – “AAIB प्रारंभिक रिपोर्ट जितने सवालों के जवाब देती है, उससे ज्यादा नए सवाल पैदा करती है।” । कॉकपिट में मौजूद आवाजों के बीच हुआ यह रहस्यमयी संवाद – “तुमने क्यों कट किया?” “मैंने नहीं किया!” – इस पूरी घटना को और भी रहस्यमय बना देता है ।

प्रारंभिक रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष: क्या पता चला, क्या नहीं?

AAIB की यह 15 पन्नों की रिपोर्ट उस क्रम को बताती है जिसमें आपदा घटित हुई। आइए समझते हैं कि क्या स्पष्ट हुआ और क्या अभी भी धुंधले में है:

  • दुर्घटना का क्रम:
    • विमान ने सुबह 8:08 बजे उड़ान भरी।
    • उड़ान भरने के सिर्फ 3 सेकंड बाद रैम एयर टर्बाइन (RAT) सक्रिय हो गया, जो इंजन फेल होने का संकेत है ।
    • 7 सेकंड बाद दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच एक-एक सेकंड के अंतराल पर ‘रन’ से ‘कटऑफ’ पोजिशन में चले गए ।
    • विमान की ऊंचाई घटने लगी और पायलटों ने मेडे-मेडे-मेडे कॉल किया।
    • उड़ान भरने के सिर्फ 90 सेकंड बाद विमान मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर गिरा ।
  • कॉकपिट की आवाजें और पायलटों का अनुभव:
    कैप्टन सुमीत सभरवाल (56) – 15,638 घंटे का उड़ान अनुभव (8,600+ घंटे बोइंग 787 पर)
    फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर (32) – 3,400 घंटे का अनुभव ।
    इतने अनुभवी पायलटों के बीच यह बहस कि “किसने कटऑफ किया?” सबको हैरान कर रही है।
  • रिपोर्ट ने किन कारणों को खारिज किया?
    • बर्ड स्ट्राइक (पक्षी टकराना) का कोई सबूत नहीं मिला ।
    • विमान के ईंधन में कोई दूषित पदार्थ नहीं पाया गया ।
    • विमान के रखरखाव में कोई कमी नहीं थी ।
  • अहम सबूतों की स्थिति:
    • फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (ब्लैक बॉक्स) से डाटा रिकवर कर लिया गया है।
    • कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर (CVR) की ऑडियो रिकॉर्डिंग में पायलटों की बातचीत सुनाई गई है।
    • विमान का इमरजेंसी लोकेटर ट्रांसमीटर (ELT) क्रैश के बाद सिग्नल नहीं भेज पाया – एक बड़ा सवाल ।

विशेषज्ञों की नजर में रिपोर्ट: “अधूरी तस्वीर, कई सवाल”

AAIB की रिपोर्ट पर देश के जाने-माने विमानन विशेषज्ञों और पूर्व पायलटों ने गंभीर सवाल उठाए हैं:

  • सुनील लज़ार (विमानन सुरक्षा विशेषज्ञ):
    “रिपोर्ट में कई अंतराल हैं। सिर्फ एक लाइन का CVR ट्रांसक्रिप्ट जारी करना पर्याप्त नहीं है। बोइंग और जनरल इलेक्ट्रिक को कोई सुरक्षा सिफारिश न देकर AAIB ने जल्दबाजी की है।”
  • एयर मार्शल संजीव कपूर (सेवानिवृत्त):
    “रिपोर्ट में सबसे बड़ा सवाल अनुत्तरित है – आखिर इंजन फेल क्यों हुए? मेडे कॉल और RAT का खुलना साफ बताता है कि दोनों इंजन पूरी तरह फेल हो गए थे।”
  • मार्क डी मार्टिन (मार्टिन कंसल्टिंग):
    “रिपोर्ट कई मायनों में रहस्यमयी है। अगर इंजन फेल हुए तो RAT खुलना तय था…फ्यूल कटऑफ स्विच के गलत तरीके से सक्रिय होने की पुरानी घटनाएं इस घटना का कारण हो सकती हैं।”
  • कैप्टन उमंग जानी (इंदुस यूनिवर्सिटी):
    “फ्यूल कटऑफ होने से इंजन बंद हुए, यह तार्किक है। लेकिन इंजन स्टार्ट करने का सही सीक्वेंस फॉलो करना जरूरी था।”

पायलट्स एसोसिएशन का आरोप: “रिपोर्ट में पूर्वाग्रह है!”

एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ALPA) ने रिपोर्ट को लेकर गंभीर आपत्ति जताई है। एसोसिएशन के अध्यक्ष सैम थॉमस ने बयान जारी कर कहा:

“जाँच का रुख और भाषा पायलट त्रुटि की ओर इशारा करती है। हम इस धारणा को सिरे से खारिज करते हैं और एक निष्पक्ष, तथ्य-आधारित जाँच की मांग करते हैं।”

उन्होंने जाँच प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी पर भी सवाल उठाए:

  • रिपोर्ट बिना किसी अधिकारी के हस्ताक्षर के मीडिया में लीक हुई।
  • जाँच टीम में अनुभवी पायलटों को शामिल नहीं किया गया।
  • संवेदनशील जानकारी अंतरराष्ट्रीय मीडिया को लीक हुई ।

शोकाकुल परिवारों की पीड़ा: “सिर्फ सच चाहिए!”

जबकि विशेषज्ञ तकनीकी पहलुओं पर बहस कर रहे हैं, दुर्घटना में घायल हुए परिवारों का दर्द बयां कर रहा है कि उनके लिए क्या मायने रखता है:

  • श्वेता परिहार (पति की मौत):
    “अब जांच का क्या फायदा? हम तो खत्म हो चुके हैं।”
  • इम्तियाज अली (4 परिजनों को खोया):
    “रिपोर्ट पढ़कर निराशा हुई। पायलटों की बातचीत के अलावा क्रैश का कारण कुछ नहीं बताया गया। हमें सच जानने का हक है।”
  • नरेश महेश्वरी (बेटे की मौत):
    “हम चाहते हैं कि जिम्मेदारों को सजा मिले। ऐसी लापरवाही से किसी और की जान न जाए।”
  • मैथिली पाटिल के माता-पिता (क्रू मेंबर):
    “हमारी बेटी तो चली गई…अब किसी को बदनाम करने से क्या फायदा?”

विमानन सुरक्षा से जुड़े गंभीर सवाल: क्या सबक सीखेंगे हम?

इस दुर्घटना ने विमानन सुरक्षा से जुड़े कई संवेदनशील मुद्दों को उजागर किया है जिन पर गंभीरता से विचार होना चाहिए:

  • फ्यूल स्विच लॉकिंग मैकेनिज्म पर सवाल:
    अमेरिकी FAA ने 2018 में एक सूचना बुलेटिन जारी कर बोइंग 787 के फ्यूल स्विच लॉकिंग मैकेनिज्म में संभावित खराबी की चेतावनी दी थी। हालांकि इसे ‘अनिवार्य’ नहीं माना गया और एयर इंडिया ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की ।
  • कॉकपिड वीडियो रिकॉर्डिंग का अभाव:
    पूर्व NTSB विशेषज्ञ पीटर गोएल्ज़ ने सवाल उठाया कि अगर कॉकपिट में वीडियो रिकॉर्डर होता तो यह स्पष्ट हो जाता कि स्विच किसने खिसकाया ।
  • इंजन माइक्रोप्रोसेसर की खामी?:
    विमानन विशेषज्ञों ने 2021 के एक संयुक्त FAA-GE सर्विस बुलेटिन का जिक्र किया जिसमें GEnx-1B इंजन के ECU में MN4 माइक्रोप्रोसेसर को बदलने की सिफारिश की गई थी। क्या यह खामी इस दुर्घटना का कारण बनी?

जाँच आगे बढ़ेगी किस दिशा में?

AAIB ने स्पष्ट किया है कि यह प्रारंभिक रिपोर्ट आगे की जाँच के लिए रास्ता तय करेगी। अगले चरण में इन बिंदुओं पर ध्यान दिया जाएगा:

  • कॉकपिट ऑडियो में पायलटों की आवाजों की पहचान करना कि कौन कब बोल रहा था।
  • फ्यूल कटऑफ स्विच के मूवमेंट का डिजिटल फॉरेंसिक विश्लेषण।
  • विमान के इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट (ECU) की जाँच करना।
  • रैम एयर टर्बाइन (RAT) के डिप्लॉयमेंट टाइमिंग में विसंगति की जाँच ।

सिविल एविएशन मिनिस्टर राम मोहन नायडू ने सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है: “हम पायलटों के कल्याण की परवाह करते हैं। इस स्तर पर किसी निष्कर्ष पर न पहुंचें। अंतिम रिपोर्ट का इंतजार करें।”

पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs): आपके मन में भी हो सकते हैं ये सवाल!

  • Q1: फ्यूल कटऑफ स्विच क्या होता है?
    A: यह विमान में इंजन को ईंधन की आपूर्ति बंद करने वाला महत्वपूर्ण स्विच होता है। आमतौर पर इसका उपयोग विमान के गेट पर पहुंचने के बाद या इंजन में आग लगने जैसी आपात स्थिति में किया जाता है ।
  • Q2: क्या पायलट गलती से इन स्विचेज को छू सकते हैं?
    A: विशेषज्ञों के अनुसार बोइंग 787 के फ्यूल स्विच में स्प्रिंग-लोडेड लॉकिंग मैकेनिज्म होता है जिससे गलती से छूने या वाइब्रेशन से हिलने का खतरा नहीं होता। ऐसा माना जाता है कि इन्हें जानबूझकर ही खिसकाया जा सकता है ।
  • Q3: रैम एयर टर्बाइन (RAT) क्या है?
    A: यह एक इमरजेंसी पावर सोर्स है जो अपने आप सक्रिय हो जाता है जब विमान के दोनों इंजन फेल हो जाते हैं या विद्युत आपूर्ति कट जाती है। इसका खुलना गंभीर आपात स्थिति का संकेत है ।
  • Q4: अंतिम रिपोर्ट कब आने की उम्मीद है?
    A: AAIB के अनुसार पूरी जाँच में एक साल तक लग सकता है। अंतिम रिपोर्ट 12 जून 2026 तक आने की संभावना है ।

आगे का रास्ता: सच की तलाश जारी रहेगी

AAIB की यह प्रारंभिक रिपोर्ट एक महत्वपूर्ण कदम जरूर है, लेकिन यह पूरी तस्वीर नहीं दिखाती। 260 बेगुनाहों की जान लेने वाली इस त्रासदी के असली कारणों का पता लगाने के लिए अभी लंबी जाँच बाकी है। विशेषज्ञों की राय, परिवारों की पीड़ा और पायलट संघ के सवाल साफ बताते हैं कि भारतीय विमानन सुरक्षा तंत्र को इस घटना से गंभीर सबक लेना चाहिए।

जब तक अंतिम रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक हम सभी के लिए यही उचित होगा कि हम संयम बनाए रखें और उन परिवारों के प्रति संवेदना रखें जिन्होंने अपनों को खोया है। आखिरकार, यह रिपोर्ट सिर्फ कागजों पर नहीं, बल्कि उन 260 जिंदगियों की याद है जो हमेशा के लिए खो गईं…

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