Tuesday, July 8, 2025
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CUET UG CUTOFF Marks 2025: कितने विषयों के मार्क्स जरूरी होते हैं? ऐसे मिलता है टाॅप यूनिवर्सिटी में Admission

हैलो दोस्तों! क्या आपने CUET UG 2025 का एग्जाम दिया है? अगर हां, तो अब सबसे बड़ा सवाल आपके मन में घूम रहा होगा: “CUET UG CUTOFF Marks 2025 कितने होंगे?” और “क्या मेरे स्कोर से DU, BHU, या JNU जैसी टॉप यूनिवर्सिटी में एडमिशन मिल पाएगा?” ये सवाल हर उस छात्र के मन में होते हैं जिसने इस कॉमन एंट्रेंस टेस्ट में हिस्सा लिया है। दरअसल, CUET UG की कटऑफ ही वह जादुई संख्या होती है जो आपके सपनों के कॉलेज का दरवाज़ा खोलती है या बंद कर देती है।

लेकिन घबराइए नहीं! आज का यह विस्तृत आर्टिकल आपके सारे कन्फ्यूजन को दूर कर देगा। हम आपको बिल्कुल सरल भाषा में समझाएंगे कि CUET UG CUTOFF Marks 2025 कैसे तय होते हैं, कितने विषयों के मार्क्स जोड़े जाते हैं, और टॉप यूनिवर्सिटीज़ में एडमिशन पाने का रास्ता क्या है। चलिए, शुरू करते हैं।

Table of Contents

CUET UG CUTOFF क्या है और यह क्यों इतनी अहमियत रखती है?

सीधे शब्दों में कहें तो, CUET UG CUTOFF Marks 2025 वह न्यूनतम स्कोर है जो किसी खास कोर्स और कॉलेज में एडमिशन के लिए जरूरी होता है। यह एक ‘कट-ऑफ लाइन’ है। जिस छात्र का कुल स्कोर इस लाइन से ऊपर या बराबर होता है, उसे काउंसलिंग के लिए बुलाया जाता है और फिर मेरिट के आधार पर एडमिशन मिल सकता है। यह कटऑफ हर यूनिवर्सिटी, हर कॉलेज और हर कोर्स के लिए अलग-अलग होती है। इसकी ऊंचाई कई बातों पर निर्भर करती है:

  • कोर्स की डिमांड: जिन कोर्सेज की डिमांड ज्यादा होती है, जैसे B.Com (Hons), BA (Hons) Economics, Psychology, या B.Sc (Hons) Physics, उनकी कटऑफ स्वाभाविक रूप से बहुत ऊंची होती है।
  • कॉलेज की रैंकिंग: दिल्ली यूनिवर्सिटी के SRCC, हिंदू, सेंट स्टीफंस, मिरांडा हाउस जैसे टॉप कॉलेजों की कटऑफ बाकियों के मुकाबले हमेशा सबसे ज्यादा होती है।
  • सीटों की संख्या: जितनी कम सीटें उपलब्ध होंगी, कटऑफ उतनी ही ऊंची जाएगी।
  • छात्रों का परफॉर्मेंस: अगर किसी साल छात्रों का सामान्य प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है, तो कटऑफ भी ऊंची जा सकती है।
  • रिजर्वेशन कैटेगरी: SC, ST, OBC, EWS, PwD आदि कैटेगरी के छात्रों के लिए अलग-अलग कटऑफ जारी की जाती है, जो जनरल कटऑफ से कम होती हैं।

CUET UG 2025: कितने विषयों के मार्क्स जोड़े जाते हैं? यह कन्फ्यूजन दूर करें!

यह शायद सबसे ज्यादा पूछा जाने वाला सवाल है। NTA ने CUET UG 2025 के लिए जो पैटर्न जारी किया था, उसके मुताबिक:

  • छात्रों को अधिकतम 06 विषयों (Subjects) का चयन करने का विकल्प था।
  • इनमें से, 05 विषय मुख्य (Core/Elective) होते हैं।
  • 01 विषय वैकल्पिक (Optional/Additional) होता है।
  • हर विषय के लिए अधिकतम अंक 250 होते हैं। यानी किसी एक विषय में आप ज्यादा से ज्यादा 250 मार्क्स ही स्कोर कर सकते हैं।

अब सबसे जरूरी बात: एडमिशन के लिए कुल स्कोर कैसे बनता है?

  • ज्यादातर यूनिवर्सिटीज़ और कॉलेज, एडमिशन के लिए छात्र के चुने हुए 05 मुख्य विषयों (Core/Elective Subjects) के अंकों को जोड़कर कुल स्कोर बनाते हैं।
  • यानी कुल मिलाकर 05 विषयों के मार्क्स ही जोड़े जाते हैं।
  • वैकल्पिक (Optional) विषय के अंक सामान्यतः कुल स्कोर में नहीं जोड़े जाते।

यहाँ CUET 2025 के लिए कोर्स-वार संभावित कट ऑफ (GEN, OBC, SC, ST) को एक नया और स्पष्ट रूप में प्रस्तुत किया गया है:

🎓 CUET 2025: कोर्स के अनुसार अनुमानित कट ऑफ (श्रेणीवार)

📘 कोर्स का नाम🏅 जनरल (GEN)🧑‍🤝‍🧑 OBC🧑🏽‍🏫 SC🏞️ ST
B.A. (Hons) English95% या उससे अधिक80–90%70–80%65–75%
B.A. (Hons) Economics98% या उससे अधिक90–95%80–85%75–80%
B.Com (Hons)96% या उससे अधिक85–90%70–80%65–70%
B.Sc (Hons) Mathematics97% या उससे अधिक85–90%75–80%70–75%
B.Sc (Hons) Chemistry95% या उससे अधिक80–85%65–75%60–70%
B.A. (Hons) Political Science94% या उससे अधिक80–85%65–75%60–70%
B.A. Programme90% या उससे अधिक75–80%60–70%55–65%

📌 नोट: ये कट ऑफ प्रतिशत अनुमानित हैं और पिछले वर्षों के रुझानों तथा वर्तमान परीक्षा पैटर्न पर आधारित हैं। वास्तविक कट ऑफ संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा परिणाम के बाद घोषित की जाएगी।

लेकिन एक महत्वपूर्ण बात याद रखें:

  • अगर आपके वैकल्पिक विषय का स्कोर आपके किसी मुख्य विषय के स्कोर से बेहतर है, तो आप अपने कम स्कोर वाले मुख्य विषय को ड्रॉप करके उसकी जगह वैकल्पिक विषय के अंकों का इस्तेमाल कर सकते हैं! यह एक स्ट्रैटेजी का हिस्सा हो सकता है।
  • हालांकि, यह फाइनल डिसीजन पूरी तरह से एडमिशन लेने वाली यूनिवर्सिटी या कॉलेज पर निर्भर करता है। कुछ संस्थान स्पष्ट रूप से बता सकते हैं कि कौन से विषय माने जाएंगे। काउंसलिंग के दौरान आपको अपने बेस्ट 05 स्कोर (मुख्य + वैकल्पिक में से) को चुनने का ऑप्शन मिल सकता है।

सरल शब्दों में समझें:

  • आपने 6 विषय दिए: भाषा 1 (हिंदी), भाषा 2 (अंग्रेजी), डोमेन 1 (इतिहास), डोमेन 2 (राजनीति विज्ञान), डोमेन 3 (अर्थशास्त्र), डोमेन 4 (वैकल्पिक – भूगोल)।
  • आपके स्कोर: हिंदी (180), अंग्रेजी (190), इतिहास (170), राजनीति विज्ञान (210), अर्थशास्त्र (160), भूगोल (200)।
  • आपके मुख्य विषय हैं: हिंदी, अंग्रेजी, इतिहास, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र। इनका योग = 180+190+170+210+160 = 910
  • लेकिन आपका वैकल्पिक विषय भूगोल (200) का स्कोर आपके मुख्य विषय अर्थशास्त्र (160) से बेहतर है।
  • तो आप अर्थशास्त्र (160) की जगह भूगोल (200) के अंकों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • अब आपका कुल स्कोर होगा: हिंदी(180) + अंग्रेजी(190) + इतिहास(170) + राजनीति विज्ञान(210) + भूगोल(200) = 950
  • इस तरह आपका कुल स्कोर 910 से बढ़कर 950 हो गया!

यहाँ CUET 2025 के लिए प्रमुख विश्वविद्यालयों की श्रेणीवार (GEN, OBC, SC, ST) संभावित कट ऑफ को एक आकर्षक और सुव्यवस्थित रूप में प्रस्तुत किया गया है:

🏛️ CUET 2025: विश्वविद्यालय-वार अनुमानित कट ऑफ (प्रतिशताइल आधारित)

🎓 विश्वविद्यालय का नाम🏅 जनरल (GEN)🧑‍🤝‍🧑 OBC🧑🏽‍🏫 SC🏞️ ST
दिल्ली विश्वविद्यालय (DU)98–99%ile (900+ स्कोर)90–95%ile (800+ स्कोर)80–90%ile (700+ स्कोर)70–85%ile (600+ स्कोर)
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU)95–98%ile85–90%ile75–85%ile65–75%ile
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU)90–95%ile80–90%ile70–80%ile60–70%ile
जामिया मिल्लिया इस्लामिया85–90%ile75–85%ile65–75%ile55–65%ile

📌 महत्वपूर्ण: ये आंकड़े अनुमानित हैं और पिछले वर्षों के रुझानों व वर्तमान परीक्षा पैटर्न पर आधारित हैं। वास्तविक कट ऑफ संबंधित विश्वविद्यालयों द्वारा CUET परिणाम जारी होने के बाद प्रकाशित की जाएगी।

CUET UG 2025 में हुए मुख्य बदलाव: क्या नया है?

CUET UG 2025 में NTA ने पिछले सालों के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए थे, जिन्हें जानना जरूरी है:

  • विषयों की संख्या में कमी: पहले विषयों की सूची में 63 विकल्प थे। 2025 में इसे घटाकर केवल 37 कर दिया गया। इससे छात्रों के लिए विषय चुनना आसान हुआ और एग्जाम मैनेजमेंट भी बेहतर हुआ।
  • विषय चयन में लचीलापन: एक बड़ा बदलाव यह था कि छात्रों को किसी भी विषय से परीक्षा देने की छूट मिली, चाहे वह विषय उन्होंने कक्षा 12वीं में पढ़ा हो या नहीं। पहले इस पर कुछ प्रतिबंध थे। इससे छात्रों को अपनी रुचि के अनुसार या बेहतर स्कोर करने की संभावना वाले विषय चुनने की आजादी मिली।
  • परीक्षा मोड: CUET UG 2025 पूरी तरह से कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (CBT) मोड में आयोजित किया गया। पिछले कुछ वर्षों में हाइब्रिड (कुछ पेपर पेन-पेपर, कुछ CBT) या अन्य मोड की वजह से कन्फ्यूजन होता था, जिसे इस बार दूर किया गया।
  • एग्जाम शेड्यूलिंग: परीक्षा को कई फेज में आयोजित किया गया, जिससे छात्रों को अपने विषयों के अनुसार तारीख चुनने में आसानी हुई और सेंटरों पर भीड़ कम हुई।
  • सिलेबस फोकस: कुछ विषयों के सिलेबस को थोड़ा रिफाइन किया गया ताकि वह NCERT की कक्षा 12 की किताबों के साथ बेहतर तालमेल बिठा सके।

यहाँ CUET UG 2025 की संभावित कट ऑफ से जुड़ी जानकारी को एक नए और आकर्षक प्रारूप में प्रस्तुत किया गया है:

🎯 CUET UG 2025 संभावित कट ऑफ विवरण

🔹 बिंदु📌 विवरण
📝 परीक्षा का नामCUET UG 2025 (Common University Entrance Test)
📊 कट ऑफ का प्रकारपरसेंटाइल / स्कोर / रैंक
🎓 जनरल वर्ग की संभावित कट ऑफ98–99 परसेंटाइल, 900+ स्कोर (शीर्ष विश्वविद्यालयों के लिए)
🧑‍🤝‍🧑 OBC वर्ग की संभावित कट ऑफ90–95 परसेंटाइल, 700–850 स्कोर
🧑🏽‍🏫 SC वर्ग की संभावित कट ऑफ80–90 परसेंटाइल, 500–700 स्कोर
🏞️ ST वर्ग की संभावित कट ऑफ70–85 परसेंटाइल, 350–600 स्कोर
🏛️ कट ऑफ जारी करने वाली संस्थासंबंधित विश्वविद्यालय / कॉलेज
📅 रिजल्ट जारी होने की तिथिजून 2025 का अंतिम सप्ताह
📆 कट ऑफ जारी होने की तिथिरिजल्ट के बाद, जुलाई 2025 से
🌐 कट ऑफ देखने का तरीकासंबंधित यूनिवर्सिटी की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन
🧾 चयन प्रक्रियाकट ऑफ के आधार पर मेरिट लिस्ट और काउंसलिंग प्रक्रिया

टॉप यूनिवर्सिटीज में एडमिशन: DU, BHU, JNU में सीट कैसे मिलेगी?

यही तो वह सपना है जिसके लिए आपने कड़ी मेहनत की! आइए जानते हैं कि CUET UG CUTOFF Marks 2025 के आधार पर दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU), बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU), और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में एडमिशन का प्रोसेस क्या है:

  1. कटऑफ लिस्ट जारी होना: सबसे पहला कदम होता है कटऑफ लिस्ट का जारी होना।
    • दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU): DU आमतौर पर कई राउंड्स में कटऑफ जारी करती है (पहली कटऑफ, दूसरी कटऑफ, इत्यादि)। यह कटऑफ कॉलेज-वाइज और कोर्स-वाइज होती है। यानी SRCC में B.Com (Hons) की कटऑफ अलग होगी और किसी अन्य कॉलेज में उसी कोर्स की कटऑफ अलग होगी।
    • बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU): BHU अपनी केंद्रीय काउंसलिंग (BHU CUET UG Counselling) के माध्यम से कोर्स-वाइज और कैटेगरी-वाइज कटऑफ जारी करती है। यहां भी कटऑफ यूनिवर्सिटी लेवल पर होती है, अलग-अलग फैकल्टीज़ के लिए।
    • जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU): JNU भी अपने अंडरग्रेजुएट कोर्सेज (BA Hons प्रोग्राम्स) के लिए कोर्स-वाइज कटऑफ जारी करती है। JNU की कटऑफ भी काफी प्रतिस्पर्धी होती है।
  2. काउंसलिंग रजिस्ट्रेशन: एक बार कटऑफ जारी होने के बाद, जिन छात्रों का स्कोर किसी भी कोर्स-कॉलेज कॉम्बिनेशन की कटऑफ के बराबर या ऊपर होता है, उन्हें संबंधित यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल काउंसलिंग वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होता है। इस दौरान कोर्स और कॉलेज प्राथमिकताएं (Preferences) भरनी होती हैं।
  3. प्राथमिकता भरना (Choice Filling & Locking): यह सबसे महत्वपूर्ण चरण है। छात्रों को उनके द्वारा चुने गए कोर्सेज और कॉलेजेज को अपनी पसंद के क्रम में रैंक करना होता है। जैसे: पहली प्राफरेंस – SRCC में B.Com (Hons), दूसरी प्राफरेंस – हिंदू कॉलेज में BA (Hons) Economics, तीसरी प्राफरेंस – हंसराज कॉलेज में B.Com (Hons) इत्यादि। इन प्राफरेंसेज को सावधानी से भरकर लॉक करना जरूरी होता है।
  4. सीट आवंटन (Seat Allotment): यूनिवर्सिटी छात्रों के CUET UG स्कोर, उनकी भरी गई प्राथमिकताएं, और उपलब्ध सीटों की संख्या के आधार पर सीट आवंटित करती है। जिस छात्र का स्कोर जितना ज्यादा होगा, उसकी पहली प्राफरेंस के लिए सीट मिलने की संभावना उतनी ही अधिक होगी।
  5. सीट स्वीकार करना और फीस जमा करना: अगर आपको मनचाही सीट आवंटित हो जाती है, तो आपको इसे स्वीकार (Accept) करना होगा और निर्धारित समय के अंदर एडमिशन फीस जमा करनी होगी। अगर आप सीट स्वीकार नहीं करते या फीस नहीं भरते, तो आपकी सीट कैंसल हो सकती है और अगले राउंड में किसी और को आवंटित हो सकती है।
  6. अगले राउंड्स: अगर पहले राउंड में सीट नहीं मिलती या आप आवंटित सीट से संतुष्ट नहीं हैं, तो आप अगले राउंड्स में भाग ले सकते हैं। जब सीटें खाली रह जाती हैं, तो कटऑफ धीरे-धीरे कम होती जाती है।

ध्यान रखें:

  • AMU (अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी), इलाहाबाद यूनिवर्सिटी, हैदराबाद यूनिवर्सिटी, जामिया मिल्लिया इस्लामिया सहित सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में UG कोर्सेज में एडमिशन CUET UG स्कोर के आधार पर ही होता है। हर यूनिवर्सिटी की अपनी अलग काउंसलिंग प्रक्रिया होती है।
  • कॉलेज-स्पेसिफिक कटऑफ (जैसे सिर्फ DU के कॉलेज करते हैं) की जानकारी के लिए आपको उस यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट और काउंसलिंग पोर्टल पर नजर रखनी होगी।

CUET UG CUTOFF Marks 2025: कितनी हो सकती है कटऑफ? पिछले ट्रेंड्स और एक्सपर्ट अनुमान

अब आते हैं उस सवाल पर जिसका जवाब हर छात्र जानना चाहता है: “CUET UG CUTOFF Marks 2025 कितनी ऊंची होगी?” सटीक कटऑफ तो तब पता चलेगी जब यूनिवर्सिटीज़ लिस्ट जारी करेंगी, लेकिन पिछले वर्षों के ट्रेंड्स, इस साल के पेपर की कठिनाई स्तर और छात्रों की प्रतिक्रियाओं के आधार पर कुछ अनुमान लगाए जा सकते हैं। याद रखें, ये अनुमान हैं, अंतिम कटऑफ इनसे अलग भी हो सकती है। यहां कुछ टॉप DU कॉलेजों और लोकप्रिय कोर्सेज के लिए CUET UG CUTOFF Marks 2025 का संभावित रेंज दिया जा रहा है (कुल 5 विषयों के योग के आधार पर, अधिकतम 1250 अंक):

यूनिवर्सिटी / कॉलेजकोर्ससंभावित CUET UG CUTOFF 2025 (जनरल कैटेगरी)
दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU)
श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (SRCC)B.Com (Hons)710+ / 1250
हिंदू कॉलेजBA (Hons) Political Science705+ / 1250
हिंदू कॉलेजB.A. (Hons) Economics700+ / 1250
मिरांडा हाउसBA (Hons) Psychology700+ / 1250
हंसराज कॉलेजB.Sc (Hons) Physics695+ / 1250
लेडी श्री राम कॉलेज (LSR)BA (Hons) Economics705+ / 1250
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU)
B.A. (Hons) Social Sciences670 – 690+ / 1250
B.Com (Hons)680 – 700+ / 1250
B.Sc (Hons)660 – 685+ / 1250 (विषयानुसार भिन्न)
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU)
B.A. (Hons) in Languages (उर्दू, फ्रेंच, आदि)650 – 680+ / 1250
B.A. (Hons) in International Relations680 – 700+ / 1250

कुछ महत्वपूर्ण बिंदु:

  • टॉप कॉलेज्स और हाई-डिमांड कोर्सेज: जैसा कि टेबल में दिख रहा है, SRCC का B.Com (Hons), हिंदू कॉलेज का BA Pol Science और Economics, LSR का Economics, मिरांडा हाउस का Psychology जैसे कोर्सेज की CUET UG CUTOFF Marks 2025 700+ के पार रहने की संभावना है। ये हमेशा से सबसे ज्यादा कॉम्पिटिटिव रहे हैं।
  • साइंस स्ट्रीम: B.Sc (Hons) कोर्सेज, खासकर Physics, Chemistry, Mathematics में भी कटऑफ काफी ऊंची होती है, विशेषकर हंसराज, हिंदू, किरोड़ी मल जैसे कॉलेजों में। 690+ तक जाना आम बात है।
  • BHU और JNU: इन यूनिवर्सिटीज़ की कटऑफ भी काफी प्रतिस्पर्धी होती है, हालांकि DU के टॉप कॉलेजों जितनी ऊंची नहीं। फिर भी, लोकप्रिय कोर्सेज के लिए 670-700+ का स्कोर सुरक्षित माना जा सकता है।
  • रिजर्वेशन का प्रभाव: SC, ST, OBC-NCL, EWS और PwD कैटेगरी के छात्रों के लिए कटऑफ जनरल कैटेगरी के मुकाबले काफी कम होती है। हर कैटेगरी के लिए अलग कटऑफ जारी होती है।
  • स्कोर नॉर्मलाइजेशन: अगर परीक्षा कई शिफ्ट्स में हुई है, तो NTA द्वारा स्कोर नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया अपनाई जाती है। इसका मतलब यह है कि अलग-अलग शिफ्ट्स की कठिनाई के स्तर को ध्यान में रखकर अंकों में समायोजन किया जाता है। फाइनल कटऑफ इसी नॉर्मलाइज्ड स्कोर पर आधारित होती है।

टॉप यूनिवर्सिटी में एडमिशन पाने के लिए स्ट्रेटेजी: सिर्फ कटऑफ ही काफी नहीं!

कटऑफ पार करना पहला कदम है, लेकिन एडमिशन सुनिश्चित करने के लिए कुछ और बातों का भी ध्यान रखना जरूरी है:

  1. काउंसलिंग प्रक्रिया को गंभीरता से लें: यह सिर्फ फॉर्मलिटी नहीं है। रजिस्ट्रेशन, डॉक्यूमेंट अपलोड, प्राथमिकताएं भरना, सीट स्वीकार करना – हर स्टेप क्रिटिकल है। एक गलती आपका एडमिशन रुकवा सकती है। डेडलाइन मिस न करें।
  2. प्राथमिकताएं (Preferences) स्मार्टली भरें: यह सबसे ज्यादा अहम है। अपनी प्राथमिकताएं बेहद सोच-समझकर भरें।
    • पहली पसंद वही रखें जो आपको सबसे ज्यादा चाहिए: अगर आपका स्कोर किसी टॉप कॉलेज-कोर्स की पिछली कटऑफ के करीब है, तो उसे पहली प्राफरेंस दें।
    • यथार्थवादी बनें: अपने स्कोर के हिसाब से कॉलेज और कोर्स चुनें। बहुत ज्यादा ऊंची उम्मीदें लगाने से निराशा हो सकती है।
    • “सुरक्षित विकल्प” (Safe Options) जरूर शामिल करें: अपनी लिस्ट में ऐसे कॉलेज-कोर्स कॉम्बिनेशन्स को भी नीचे रखें जहां आपके स्कोर से एडमिशन मिलने की लगभग पक्की उम्मीद हो। इससे अगर ऊपर की प्राफरेंसेज नहीं मिलतीं, तो भी आपको कम से कम एक सीट तो मिल ही जाएगी।
    • कॉलेज लोकेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी विचार करें: सिर्फ नाम के चक्कर में न पड़ें। कॉलेज की लोकेशन, हॉस्टल फैसिलिटी, प्लेसमेंट आदि के बारे में भी जानकारी जुटाएं।
  3. सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स तैयार रखें: कक्षा 10वीं और 12वीं की मार्कशीट्स, ट्रांसफर सर्टिफिकेट, कैटेगरी सर्टिफिकेट (अगर लागू हो), फोटो, सिग्नेचर आदि स्कैन करके रखें। काउंसलिंग में इनकी जरूरत पड़ती है।
  4. फाइनेंसियल तैयारी: टॉप कॉलेजों की फीस और हॉस्टल चार्जेज काफी हो सकते हैं। एडमिशन मिलने के बाद फीस जमा करने के लिए फंड्स का इंतजाम पहले से करके रखें।
  5. बैकअप प्लान: अगर आपके पसंदीदा कॉलेज या कोर्स में सीट नहीं मिलती है तो निराश न हों। अन्य अच्छे कॉलेज या संबंधित कोर्सेज के विकल्प खुले रखें। कई बार दूसरी प्राथमिकता में मिलने वाला विकल्प भी बहुत अच्छा साबित होता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs): CUET UG CUTOFF Marks 2025 के बारे में

Q1: क्या CUET UG कटऑफ सिर्फ 5 विषयों के कुल अंकों पर आधारित होती है?
A: जी हां, ज्यादातर यूनिवर्सटीज़ और कोर्सेज के लिए एडमिशन कटऑफ छात्र के चुने गए 5 मुख्य विषयों (Core/Elective Subjects) के कुल योग पर आधारित होती है। आप अपने वैकल्पिक विषय के बेहतर स्कोर को किसी एक मुख्य विषय के कम स्कोर की जगह इस्तेमाल कर सकते हैं (अगर यूनिवर्सिटी की नीति अनुमति देती है)।

Q2: अगर मेरा स्कोर पहली कटऑफ में नहीं आया, तो क्या मुझे एडमिशन का मौका मिल सकता है?
A: बिल्कुल! DU जैसी यूनिवर्सिटीज़ कई राउंड्स में कटऑफ जारी करती हैं। अक्सर पहली कटऑफ बहुत ऊंची होती है। अगर सीटें खाली रह जाती हैं, तो अगले राउंड्स में कटऑफ कम होती जाती है। इसलिए, पहली कटऑफ में स्कोर न आने पर भी निराश न हों। काउंसलिंग प्रक्रिया में बने रहें और अगले राउंड्स के लिए अपनी प्राफरेंसेज अपडेट करते रहें।

Q3: क्या अलग-अलग कैटेगरी (SC/ST/OBC/EWS/PwD) के लिए कटऑफ अलग होती है?
A: हां, बिल्कुल। भारत सरकार के रिजर्वेशन नियमों के तहत, हर कैटेगरी (SC, ST, OBC-NCL, EWS, PwD) के लिए जनरल कैटेगरी से कम कटऑफ जारी की जाती है। यह कमी नियमानुसार तय प्रतिशत के आधार पर होती है। आपको अपनी कैटेगरी के लिए जारी कटऑफ पर ध्यान देना चाहिए।

Q4: क्या मैं एक से ज्यादा यूनिवर्सिटी की काउंसलिंग में भाग ले सकता हूँ?
A: जी हां, आप एक साथ कई यूनिवर्सटीज़ (जैसे DU, BHU, AMU, JNU) की काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं, बशर्ते आप उनके द्वारा निर्धारित पात्रता मानदंडों को पूरा करते हों। हालांकि, अगर आपको एक से ज्यादा जगह सीट आवंटित होती है, तो अंत में आपको केवल एक ही सीट स्वीकार करनी होगी। दूसरी सीटें छोड़नी होंगी।

Q5: कटऑफ कब जारी होगी? मुझे कैसे पता चलेगा?
A: CUET UG 2025 का रिजल्ट जारी होने के बाद यूनिवर्सटीज़ अपनी काउंसलिंग शेड्यूल जारी करती हैं। कटऑफ लिस्टें उनकी ऑफिशियल काउंसलिंग वेबसाइट्स पर प्रकाशित की जाती हैं। जैसे DU के लिए ugadmission.uod.ac.in, BHU के लिए bhuonline.in। इन वेबसाइट्स पर नियमित चेक करते रहें या ईमेल/एसएमएल अलर्ट्स के लिए रजिस्टर करें।

Q6: क्या कम स्कोर वाले छात्रों के लिए कोई मौका है?
A: हां, निश्चित रूप से। कटऑफ हर राउंड में घटती है। कई बार कम जाने-माने कॉलेजों या कम डिमांड वाले कोर्सेज में कटऑफ काफी कम हो जाती है। साथ ही, कई अच्छे प्राइवेट कॉलेज और राज्य यूनिवर्सिटीज़ भी CUET स्कोर स्वीकार करते हैं। विकल्पों पर रिसर्च करें।

निष्कर्ष: सफलता की चाबी है सही जानकारी और स्मार्ट प्लानिंग

CUET UG CUTOFF Marks 2025 को लेकर होने वाली उत्सुकता और चिंता बिल्कुल स्वाभाविक है। लेकिन अब आप जान गए हैं कि कटऑफ कैसे काम करती है, कितने विषयों के मार्क्स मायने रखते हैं, और DU, BHU, JNU जैसी टॉप यूनिवर्सिटीज़ में एडमिशन का रास्ता क्या है। याद रखें, कटऑफ सिर्फ एक नंबर है। असली जंग तो काउंसलिंग प्रक्रिया को स्मार्ट तरीके से हैंडल करने में होती है।

  • अपने CUET UG स्कोर को ठीक से समझें।
  • पिछले वर्षों की कटऑफ ट्रेंड्स पर नजर डालें लेकिन उन्हें अंतिम सत्य न मानें।
  • अपनी प्राफरेंसेज बेहद बुद्धिमानी से भरें – सपनों को पहली प्राथमिकता दें, लेकिन सुरक्षित विकल्पों को न भूलें।
  • काउंसलिंग वेबसाइट्स पर बारीकी से नजर रखें और सभी डेडलाइन्स का सख्ती से पालन करें।
  • सकारात्मक रहें। अगर पहले प्रयास में मनचाहा कॉलेज नहीं मिलता, तो यह दुनिया का अंत नहीं है। कई बार दूसरे विकल्प भविष्य के लिए बेहतर साबित होते हैं।

CUET UG 2025 आपके शैक्षिक जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। मेहनत आप कर चुके हैं। अब बस सही जानकारी के साथ काउंसलिंग प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा करने की जरूरत है। हम आशा करते हैं कि यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित होगा। आप सभी को टॉप यूनिवर्सिटी में एडमिशन मिले, यही शुभकामनाएं! कमेंट सेक्शन में अपने सवाल पूछने में न झिझकें।

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