India 4th Largest Economy: क्या आपने कभी सोचा था कि भारत इतनी तेजी से वैश्विक आर्थिक मंच पर अपनी स्थिति मजबूत कर लेगा? अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की 22 अप्रैल 2025 को जारी विश्व आर्थिक दृष्टिकोण (डब्ल्यूईओ) रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का स्थान हासिल कर लिया है। भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2025 में 4.19 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जो जापान के बराबर है, लेकिन भारत को अब चौथे स्थान पर माना जा रहा है। यह उपलब्धि भारत की आर्थिक प्रगति, नीतिगत सुधारों और वैश्विक प्रभाव को दर्शाती है। इस लेख में, हम इस उपलब्धि के पीछे के कारणों, इसके प्रभावों और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे। यह न केवल आर्थिक आंकड़ों की कहानी है, बल्कि भारत के नागरिकों के लिए गर्व का क्षण है।
पृष्ठभूमि
भारत की यह उपलब्धि आईएमएफ की विश्व आर्थिक दृष्टिकोण (डब्ल्यूईओ) रिपोर्ट पर आधारित है, जो 22 अप्रैल 2025 को जारी की गई थी। इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि भारत का नाममात्र जीडीपी 2025-26 में 4,287.017 अरब डॉलर तक पहुंचेगा, जो जापान के 4,186.431 अरब डॉलर से अधिक है। नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने 25 मई 2025 को नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल बैठक के बाद इसकी पुष्टि करते हुए कहा, “हम अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। यह आईएमएफ का डेटा है। भारत आज जापान से बड़ा है।”
विश्व की शीर्ष 10 अर्थव्यवस्थाओं की सूची इस प्रकार है (2025 के जीडीपी के आधार पर, वर्तमान कीमतों में):
- संयुक्त राज्य अमेरिका: 30.51 ट्रिलियन डॉलर
- चीन: 19.23 ट्रिलियन डॉलर
- जर्मनी: 4.74 ट्रिलियन डॉलर
- भारत: 4.19 ट्रिलियन डॉलर
- जापान: 4.19 ट्रिलियन डॉलर
- यूनाइटेड किंगडम: 3.84 ट्रिलियन डॉलर
- फ्रांस: 3.21 ट्रिलियन डॉलर
- इटली: 2.42 ट्रिलियन डॉलर
- कनाडा: 2.23 ट्रिलियन डॉलर
- ब्राजील: 2.13 ट्रिलियन डॉलर
यह सूची आईएमएफ डेटा पर आधारित है। भारत और जापान दोनों का जीडीपी 4.19 ट्रिलियन डॉलर है, लेकिन भारत को अब चौथे स्थान पर रखा गया है।
नीचे विश्व की शीर्ष 10 अर्थव्यवस्थाओं की सूची दी गई है, जो 2025 के जीडीपी (वर्तमान कीमतों में) के आधार पर तैयार की गई है:
रैंक | देश | जीडीपी (ट्रिलियन डॉलर में) |
---|---|---|
1 | संयुक्त राज्य अमेरिका | 30.51 |
2 | चीन | 19.23 |
3 | जर्मनी | 4.74 |
4 | भारत | 4.19 |
5 | जापान | 4.19 |
6 | यूनाइटेड किंगडम | 3.84 |
7 | फ्रांस | 3.21 |
8 | इटली | 2.42 |
9 | कनाडा | 2.23 |
10 | ब्राजील | 2.13 |
चार्ट: विश्व की शीर्ष 5 अर्थव्यवस्थाओं का जीडीपी (2025)

विश्लेषण और प्रभाव
भारत का चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना केवल आंकड़ों की बात नहीं है; यह देश की बढ़ती आर्थिक शक्ति और वैश्विक मंच पर उसकी भूमिका को दर्शाता है। सुब्रमण्यम ने अनुमान लगाया कि यदि भारत अपनी वर्तमान नीतियों पर कायम रहा, तो यह 2.5-3 वर्षों में जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। आईएमएफ ने भारत की वृद्धि दर को “अधिक स्थिर” बताया है, जो 2025 में 6.2% और 2026 में 6.3% रहने की उम्मीद है। यह वृद्धि दर वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर अधिकांश अर्थव्यवस्थाओं से अधिक है, जैसे कि चीन (4%), संयुक्त राज्य अमेरिका (1.8%), और जापान (0.6%)।
इस वृद्धि का श्रेय निजी खपत में वृद्धि, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, और निर्माण क्षेत्र में सुधार को जाता है। मॉर्गन स्टेनली ने अनुमान लगाया है कि भारत 2028 तक 5.7 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है। भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम, जिसमें 100 से अधिक यूनिकॉर्न कंपनियां हैं, भी इस प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
हालांकि, कुछ चुनौतियां भी हैं। बेरोजगारी दर, जो 2025 में लगभग 7% है, और ग्रामीण-शहरी असमानता भारत के लिए चिंता का विषय हैं। सामाजिक कार्यकर्ता अनीता शर्मा कहती हैं, “हमें समावेशी विकास पर ध्यान देना होगा ताकि यह प्रगति सभी तक पहुंचे।” इसके बावजूद, मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, और यूपीआई जैसे डिजिटल भुगतान प्रणालियों ने भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है। 2025 में यूपीआई लेनदेन की संख्या 150 अरब से अधिक होने का अनुमान है।
समर्थन विवरण
भारत की आर्थिक वृद्धि का एक मानवीय पहलू भी है। ग्रामीण क्षेत्रों में निजी खपत में वृद्धि ने स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा दिया है। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव में रहने वाले रमेश यादव, जो एक किराना स्टोर चलाते हैं, बताते हैं, “पिछले कुछ वर्षों में ग्राहकों की खरीदारी बढ़ी है। लोग अब स्मार्टफोन और टीवी खरीद रहे हैं।” यह भारत की आर्थिक प्रगति को और अधिक जीवंत बनाता है।
भारत का सौर ऊर्जा उत्पादन 2025 में 100 गीगावाट से अधिक हो गया है, जो इसे नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बनाता है। इसके अलावा, 1991 के आर्थिक उदारीकरण ने भारत को वैश्विक व्यापार के लिए खोल दिया, जिसके परिणामस्वरूप आज यह स्थिति प्राप्त हुई है (विकिपीडिया)।
निष्कर्ष
India 4th Largest Economy बनना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जो देश की नीतियों, युवा शक्ति, और वैश्विक प्रभाव को दर्शाता है। यह प्रगति लाखों भारतीयों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही है। हालांकि, बेरोजगारी और असमानता जैसी चुनौतियों को दूर करने के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है। क्या भारत अगले कुछ वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है? अपने विचार टिप्पणियों में साझा करें और इस चर्चा का हिस्सा बनें।