Namo Drone Didi Yojana: क्या आपने कभी सोचा है कि तकनीक और महिला सशक्तिकरण का मेल कैसे ग्रामीण भारत की तस्वीर बदल सकता है? भारत सरकार की एक योजना इसी सपने को साकार करने में जुटी है। भारतीय केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हमारे किसानों के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण और नवाचारी योजना को हरी झंडी दिखाई है
Namo Drone Didi Yojana इस योजना के तहत, महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को कृषि क्षेत्र में ड्रोन तकनीक से जोड़ा जा रहा है, जिससे वे न सिर्फ आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि प्रति माह लगभग ₹15,000 रुपये तक की अतिरिक्त आमदनी भी कमा सकती हैं। यह ड्रोन किसानों को किराए पर दिए जाएंगे और मुख्य रूप से उर्वरकों व कीटनाशकों का छिड़काव करने में इस्तेमाल किए जाएंगे। यह किसानों के लिए समय और श्रम की बचत का तो जरिया है ही, साथ ही यह ग्रामीण महिलाओं के लिए एक नया रोजगार सृजित कर रहा है। 2023-24 से 2025-26 के बीच इस योजना के तहत हज़ारों महिलाओं को ड्रोन पायलट के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा और उन्हें मानदेय भी दिया जाएगा। आइए, विस्तार से जानते हैं कैसे यह योजना गाँव की ‘दीदियों’ को ‘ड्रोन दीदियों’ में बदल रही है।
योजना का अवलोकन: एक नज़र में
चलिए, सबसे पहले Namo Drone Didi Yojana के मुख्य पहलुओं को एक त्वरित नज़र से समझ लेते हैं:
| पहलू | विवरण |
|---|---|
| योजना का नाम | नमो ड्रोन दीदी योजना (प्रधानमंत्री ड्रोन दीदी योजना) |
| शुभारंभ तिथि | 30 नवंबर 2023 (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से) |
| मुख्य लाभार्थी | पंजीकृत महिला स्वयं सहायता समूह (SHGs) |
| मुख्य लाभ | ड्रोन खरीद पर 80% या अधिकतम ₹8 लाख अनुदान + निःशुल्क प्रशिक्षण |
| अतिरिक्त आय | ड्रोन सेवाओं के माध्यम से लगभग ₹1 लाख सालाना (लगभग ₹8000-₹15000 प्रति माह) |
| ऋण सुविधा | शेष लागत पर 3% ब्याज दर पर ऋण |
| कुल बजट | ₹1,261 करोड़ |
| लक्ष्य | 2024-25 से 2025-26 तक 15,000 महिला SHGs तक पहुँच |
| जानकारी स्रोत | नजदीकी प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र (PMKSK) या ग्राम पंचायत कार्यालय |
योजना का उद्देश्य: ड्रोन दीदियों के जरिए क्रांति
Namo Drone Didi Yojana का मुख्य लक्ष्य दोहरा है: ग्रामीण महिलाओं को तकनीक के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और भारतीय कृषि को अधिक कुशल व उन्नत बनाना। पूरे भारत में लाखों महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं। ये समूह महिलाओं को आत्मनिर्भरता, बचत की आदत और छोटे व्यवसाय चलाने का हौसला देते हैं। हालाँकि, अक्सर इनके आय के स्रोत सीमित होते हैं। इस योजना के जरिए, सरकार इन्हीं समूहों को कृषि-तकनीक के नए युग से जोड़ना चाहती है। ड्रोन तकनीक खेती में क्रांति ला रही है – फसल निगरानी, बीज बोना, खाद-दवा का छिड़काव जैसे काम अब तेज़, सटीक और कम मेहनत में हो सकते हैं। लेकिन गाँवों में इस तकनीक तक पहुँच और इसका सही इस्तेमाल सीमित है। Namo Drone Didi Yojana इसी अंतर को पाटेगी। महिला SHG सदस्यों को ड्रोन उड़ाने व प्रबंधन का प्रशिक्षण देकर, उन्हें ‘ड्रोन दीदी’ बनाया जाएगा। ये दीदियाँ फिर अपने ड्रोन की सेवाएं आसपास के किसानों को किराए पर देंगी। इससे किसानों को सस्ती और आधुनिक सेवा मिलेगी और महिलाओं को एक स्थिर व अच्छी आय का ज़रिया। यह योजना ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसे राष्ट्रीय मिशनों को भी गति देगी।
Namo Drone Didi Yojana के मुख्य लाभ: आर्थिक सशक्तिकरण की उड़ान
इस योजना से जुड़कर महिला स्वयं सहायता समूहों और उनकी सदस्यों को कई तरह के ठोस और वित्तीय लाभ मिलेंगे। आइए समझते हैं कि Namo Drone Didi Yojana कैसे बदलाव ला रही है:
- ड्रोन खरीद पर भारी अनुदान: योजना का सबसे बड़ा आकर्षण है ड्रोन खरीदने पर मिलने वाली वित्तीय मदद। सरकार ड्रोन की कुल लागत का 80% या अधिकतम ₹8 लाख तक का अनुदान सीधे महिला SHG को देगी। यानी अगर एक ड्रोन की कीमत ₹10 लाख है, तो समूह को सिर्फ ₹2 लाख ही खर्च करने होंगे। यह अनुदान सीधे समूह के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाएगा।
- शेष राशि पर सस्ता ऋण: ड्रोन की कुल कीमत में से अनुदान के बाद जो राशि बचती है (जैसे ऊपर के उदाहरण में ₹2 लाख), उसके लिए SHG को आसान किस्तों में ऋण भी उपलब्ध कराया जाएगा। इस ऋण पर ब्याज दर बेहद कम, सिर्फ 3% प्रति वर्ष रखी गई है। यह ऋण राष्ट्रीय कृषि इन्फ्रा वित्तपोषण सुविधा (NAFF) के तहत दिया जाएगा। ड्रोन से होने वाली आय से ही इस ऋण को आसानी से चुकाया जा सकता है।
- निःशुल्क ड्रोन प्रशिक्षण: ड्रोन खरीदने से पहले, समूह की सभी इच्छुक महिला सदस्यों को पूरी तरह निःशुल्क ड्रोन उड़ाने व प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें ड्रोन संचालन, सुरक्षा नियम, रखरखाव, और कृषि कार्यों में इसके प्रभावी उपयोग के बारे में सिखाया जाएगा। यह प्रशिक्षण सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों द्वारा दिया जाएगा।
- अच्छी अतिरिक्त आय का जरिया: यह सबसे ज़्यादा उत्साहवर्धक लाभ है। प्रशिक्षित होकर और ड्रोन मिल जाने के बाद, SHG सदस्य अपने इलाके के किसानों को ड्रोन सेवाएं किराए पर देना शुरू कर सकती हैं। मुख्य सेवा होगी खेतों में कीटनाशकों, उर्वरकों या जैविक दवाओं का छिड़काव। अनुमान लगाया गया है कि एक ड्रोन से एक SHG हर साल लगभग ₹1 लाख तक की अतिरिक्त आय कमा सकती है। यह आय मासिक हिसाब से लगभग ₹8,000 से ₹15,000 रुपये प्रति माह के बीच हो सकती है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में एक बहुत अच्छी अतिरिक्त कमाई है। यह आय समूह के खाते में जाएगी और सदस्यों के बीच उनके नियमों के अनुसार बाँटी जाएगी।
- कृषि में दक्षता और लागत बचत: ड्रोन से छिड़काव पारंपरिक तरीकों की तुलना में अधिक सटीक, तेज़ और कम पानी में होता है। इससे किसानों की उपज बढ़ सकती है और उनकी लागत कम हो सकती है। ड्रोन दीदियाँ कृषि को अधिक आधुनिक और टिकाऊ बनाने में सहायक बनेंगी।
- महिला सशक्तिकरण और सामाजिक प्रतिष्ठा: इस योजना से जुड़कर ग्रामीण महिलाएं न सिर्फ आर्थिक रूप से मजबूत होंगी, बल्कि एक उच्च-तकनीकी कौशल हासिल करेंगी। ‘ड्रोन दीदी’ बनना उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा और आत्मविश्वास को भी बढ़ाएगा। वे समाज में तकनीकी नेतृत्व की भूमिका निभाएंगी।
- रोजगार सृजन: योजना से सीधे तौर पर हजारों महिलाओं को रोजगार मिलेगा। साथ ही, ड्रोन के रखरखाव, चार्जिंग स्टेशन आदि से संबंधित अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
पात्रता मानदंड: कौन बन सकता है ड्रोन दीदी?
Namo Drone Didi Yojana का लाभ उठाने के लिए कुछ स्पष्ट पात्रता शर्तें निर्धारित की गई हैं। ये शर्तें यह सुनिश्चित करती हैं कि योजना का लाभ सही लाभार्थियों तक पहुंचे और ड्रोन का उपयोग उद्देश्य के अनुरूप हो:
- मुख्य लाभार्थी: योजना का लाभ केवल पंजीकृत महिला स्वयं सहायता समूह (Self Help Groups – SHGs) ही उठा सकते हैं। व्यक्तिगत महिलाएं या अन्य प्रकार के संगठन (जैसे पुरुषों के SHG, किसान उत्पादक संगठन – FPO आदि) इस योजना के तहत सीधे आवेदन करने के पात्र नहीं हैं। SHG का गठन और पंजीकरण राज्य सरकार या ग्रामीण विकास मंत्रालय से संबद्ध एजेंसियों (जैसे नेशनल लेवल फेडरेशन – NLF) के दिशानिर्देशों के अनुसार होना चाहिए।
- ड्रोन का उद्देश्य: योजना के तहत दिए गए अनुदान से खरीदे गए ड्रोन का उपयोग मुख्य रूप से कृषि कार्यों के लिए ही किया जाना चाहिए। इसमें खेतों में बीज बोना, उर्वरकों व कीटनाशकों का छिड़काव, फसल निगरानी आदि शामिल हैं। अन्य उद्देश्यों (जैसे फोटोग्राफी, सर्वेक्षण, मनोरंजन) के लिए इस ड्रोन का उपयोग करने की अनुमति नहीं है। ड्रोन का उपयोग अनुबंध के आधार पर किसानों को सेवाएं देने के लिए किया जाएगा।
- समूह की सक्रियता और विश्वसनीयता: चयन के लिए जिला समिति उस SHG की पिछले कुछ वर्षों की गतिविधियों, वित्तीय प्रबंधन और सामाजिक प्रभाव को देखेगी। वे समूह जो सक्रिय हैं, नियमित बैठकें करते हैं, बचत करते हैं और सामुदायिक कार्यों में भाग लेते हैं, उन्हें प्राथमिकता मिल सकती है।
- सदस्यों की पात्रता: SHG की सदस्य महिलाओं की न्यूनतम उम्र आमतौर पर 18 वर्ष होनी चाहिए। प्रशिक्षण के लिए चुनी जाने वाली महिलाओं में तकनीक सीखने की इच्छा और क्षमता होनी चाहिए। उनके पास एक मान्य मोबाइल नंबर और आधार कार्ड होना अनिवार्य है।
- भौगोलिक क्षेत्र: योजना मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के SHGs को लक्षित करती है। समूह का पंजीकरण और कार्यक्षेत्र ग्रामीण इलाके में होना चाहिए जहाँ कृषि गतिविधियाँ प्रमुख हों। यह सुनिश्चित करता है कि ड्रोन की सेवाओं की वास्तविक मांग होगी।
आवश्यक दस्तावेज: आवेदन के लिए तैयारी कैसे करें?
Namo Drone Didi Yojana में आवेदन करने के लिए महिला स्वयं सहायता समूह को निम्नलिखित जरूरी दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियाँ तैयार रखनी होंगी। इनकी पूर्णता और सटीकता चयन प्रक्रिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण है:
- SHG पंजीकरण प्रमाणपत्र: यह सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है। इसमें SHG का पंजीकरण संख्या, पंजीकरण करने वाली एजेंसी का नाम, पंजीकरण की तारीख और SHG के पते का विवरण होना चाहिए। यह प्रमाणित करता है कि समूह वैधानिक रूप से मान्यता प्राप्त है।
- सभी सदस्यों के आधार कार्ड: समूह की प्रत्येक सदस्य (विशेषकर वे जो प्रशिक्षण लेना चाहती हैं) का मूल और स्व-प्रमाणित प्रति आधार कार्ड अनिवार्य है। यह पहचान और पता प्रमाण के लिए जरूरी है। सभी आधार कार्डों की कॉपी एक फाइल में संलग्न करनी होगी।
- समूह बैंक खाता विवरण: SHG के संचालित बैंक खाते का विवरण देना अनिवार्य है। इसमें बैंक का नाम, शाखा का पता, खाता संख्या, खाताधारक का नाम (SHG का नाम), और IFSC कोड शामिल होना चाहिए। पासबुक की पहले पेज की फोटोकॉपी या बैंक द्वारा जारी खाता विवरण प्रमाणपत्र जमा किया जा सकता है। अनुदान राशि और ऋण इसी खाते में जाएंगे।
- संपर्क विवरण: SHG के मुखिया या नामित प्रतिनिधि का मोबाइल नंबर और यदि उपलब्ध हो तो ईमेल आईडी देना जरूरी है। यह संपर्क के लिए और भविष्य में होने वाले प्रशिक्षण, चयन आदि की जानकारी प्राप्त करने के लिए आवश्यक है। मोबाइल नंबर आधार से लिंक होना चाहिए।
- SHG की गतिविधि रिपोर्ट (यदि उपलब्ध हो): यदि SHG के पास पिछले वर्षों की वार्षिक रिपोर्ट, बैठकों के मिनट्स, बचत व ऋण का विवरण या किसी सामुदायिक परियोजना में भागीदारी का प्रमाण हो, तो उसे भी संलग्न करना उपयोगी हो सकता है। यह समूह की सक्रियता और विश्वसनीयता को दर्शाता है। (हालांकि यह सभी जगह अनिवार्य नहीं हो सकता, लेकिन रखने से फायदा होगा)।
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ: कभी-कभी प्रशिक्षण प्रमाणपत्र या आईडी कार्ड के लिए सदस्यों के पासपोर्ट साइज फोटो की भी आवश्यकता हो सकती है। सभी प्रशिक्षणार्थी सदस्यों के फोटो तैयार रखना उचित रहेगा। सुनिश्चित करें कि फोटो हालिया और स्पष्ट हों।
आवेदन प्रक्रिया: ड्रोन दीदी बनने का सफर कैसे तय करें?
Namo Drone Didi Yojana में लाभ प्राप्त करने की प्रक्रिया कई चरणों में पूरी होती है। यह प्रक्रिया जिला स्तर पर गठित एक समिति द्वारा प्रबंधित की जाती है। आइए जानते हैं कि एक महिला SHG कैसे ड्रोन दीदी बन सकती है:
- जिला समिति द्वारा SHG का चयन: योजना के कार्यान्वयन के लिए प्रत्येक जिले में एक विशेष समिति (डिस्ट्रिक्ट लेवल कमेटी) गठित की जाती है। इस समिति में जिला प्रशासन, कृषि विभाग, ग्रामीण विकास विभाग और बैंकिंग संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। यह समिति अपने जिले के पंजीकृत महिला SHGs की सूची तैयार करती है और उनके आवेदनों की जांच करती है। चयन प्रक्रिया में SHG की सक्रियता (बैठकें, बचत, ऋण), उसके द्वारा किए गए सामुदायिक कार्य, सदस्यों की सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि, और कृषि क्षेत्र में काम करने की उनकी क्षमता और इच्छा जैसे पैमानों को ध्यान में रखा जाता है। सिर्फ विधिवत पंजीकृत और सक्रिय SHGs ही विचार के लिए आगे बढ़ती हैं।
- चयनित SHG को सूचना: चयनित SHGs की एक मेरिट सूची जिला समिति द्वारा तैयार की जाती है। इस सूची में शामिल SHGs के मुखिया या नामित प्रतिनिधि को आधिकारिक तौर पर सूचित किया जाता है। यह सूचना आमतौर पर लिखित रूप में (पत्र/ईमेल) या फोन कॉल के माध्यम से दी जाती है। इसमें अगले चरणों (प्रशिक्षण) के बारे में जानकारी और आवश्यक निर्देश दिए जाते हैं।
- ड्रोन प्रशिक्षण कार्यक्रम: चयनित SHG की उन सदस्यों को, जो ड्रोन उड़ाने और प्रबंधन का प्रशिक्षण लेना चाहती हैं, को सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण संस्थानों में भेजा जाता है। यह प्रशिक्षण पूरी तरह निःशुल्क है। प्रशिक्षण में ड्रोन के बुनियादी सिद्धांत, संचालन प्रक्रिया, सुरक्षा मानकों, रखरखाव, कृषि अनुप्रयोगों (खाद-दवा छिड़काव, बीजारोपण आदि), और उड़ान योजना बनाने जैसे विषय शामिल होते हैं। प्रशिक्षण का स्तर बुनियादी से लेकर उन्नत तक हो सकता है। प्रशिक्षण पूरा करने पर महिलाओं को एक प्रमाणपत्र दिया जाता है, जो उनके कौशल को प्रमाणित करता है। यह प्रमाणपत्र ड्रोन लाइसेंस प्राप्त करने के लिए भी आवश्यक हो सकता है।
- अनुदान स्वीकृति और ड्रोन खरीद: प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लेने के बाद ही SHG को ड्रोन खरीदने के लिए अनुदान की स्वीकृति दी जाती है। समिति अनुदान राशि (ड्रोन लागत का 80% या अधिकतम ₹8 लाख) सीधे SHG के बैंक खाते में जारी करती है। इसके बाद, SHG सरकार द्वारा अनुमोदित ड्रोन मॉडल्स और विक्रेताओं (वेंडर्स) की सूची में से अपनी पसंद का ड्रोन खरीदती है। खरीदारी के लिए पारदर्शी प्रक्रिया (जैसे दरख्वास्त या स्थानीय स्तर पर उपलब्ध विक्रेता) का पालन किया जा सकता है। शेष राशि के लिए SHG, सरकार द्वारा निर्दिष्ट बैंकों से 3% ब्याज दर पर ऋण ले सकती है।
- ड्रोन सेवाएं प्रदान करना और आय अर्जित करना: ड्रोन प्राप्त करने के बाद, प्रशिक्षित ‘ड्रोन दीदियाँ’ अपने इलाके के किसानों को सेवाएं देना शुरू कर सकती हैं। यह मुख्यतः खेतों में कीटनाशक/उर्वरक छिड़काव की सेवा होगी। SHG किसानों से एक उचित और प्रतिस्पर्धी किराया लेगी। यह किराया आमतौर पर प्रति एकड़ या प्रति घंटे के हिसाब से तय होता है। सेवा के लिए किसानों के साथ एक साधारण अनुबंध भी किया जा सकता है। ड्रोन से होने वाली आय SHG के खाते में जमा होगी। इस आय का एक हिस्सा ऋण चुकाने, ड्रोन के रखरखाव और ऑपरेटिंग लागत (जैसे बैटरी चार्जिंग, दवा खरीद) में इस्तेमाल होगा। शेष राशि SHG की सदस्यों के बीच उनके पूर्व निर्धारित नियमों के अनुसार वितरित की जाएगी। यही वह आय है जो महिलाओं के घर की आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद करेगी।
- सहायता और समर्थन: पूरी प्रक्रिया के दौरान या ड्रोन संचालन शुरू करने के बाद, किसी भी प्रकार की समस्या या सहायता के लिए, SHG सदस्य अपने नजदीकी प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र (PMKSK) या ग्राम पंचायत कार्यालय से संपर्क कर सकती हैं। ये केंद्र योजना की जानकारी, आवेदन प्रक्रिया, प्रशिक्षण संबंधी पूछताछ और तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए नोडल पॉइंट हैं। कई जगहों पर टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर भी उपलब्ध हो सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs): नमो ड्रोन दीदी योजना के बारे में जानें सब कुछ
क्या व्यक्तिगत महिला किसान या कोई अन्य व्यक्ति भी Namo Drone Didi Yojana के लिए आवेदन कर सकता है?
नहीं, Namo Drone Didi Yojana का लाभ केवल पंजीकृत महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को ही मिल सकता है। व्यक्तिगत महिलाएं, पुरुष SHG, किसान उत्पादक संगठन (FPO) या अन्य संस्थाएं सीधे तौर पर इस योजना के तहत अनुदान के लिए आवेदन नहीं कर सकते। आवेदन हमेशा SHG के नाम से ही होता है।
क्या ड्रोन खरीदने के लिए SHG को कोई पैसा लगाना होगा?
सीधे तौर पर पूंजी लगाने की आवश्यकता नहीं है। सरकार ड्रोन की लागत का 80% या अधिकतम ₹8 लाख (जो भी कम हो) अनुदान के रूप में देती है। शेष राशि के लिए SHG को बैंक से सिर्फ 3% ब्याज दर पर ऋण लेना होगा। यह ऋण ड्रोन से होने वाली आय से ही आसानी से चुकाया जा सकता है। हालाँकि, ऋण लेने के लिए SHG को बैंक की पात्रता शर्तें पूरी करनी होंगी।
क्या प्रशिक्षण वाकई में फ्री है? क्या उसके लिए कोई छिपी हुई फीस है?
हाँ, Namo Drone Didi Yojana के तहत दिया जाने वाला ड्रोन प्रशिक्षण पूरी तरह निःशुल्क है। चयनित SHG की सदस्यों से प्रशिक्षण के लिए कोई फीस नहीं ली जाती। सरकार प्रशिक्षण संस्थानों को सीधे भुगतान करती है। कोई छिपी हुई फीस नहीं है।
ड्रोन से महीने में ₹15,000 तक कैसे कमाया जा सकता है? क्या यह गारंटीड है?
₹15,000 प्रति माह (या सालाना ₹1.8 लाख) का आंकड़ा एक अनुमानित क्षमता है, गारंटी नहीं। वास्तविक आय SHG के कार्य क्षेत्र में ड्रोन सेवाओं की मांग, छिड़काव के लिए लिए गए प्रति एकड़ शुल्क, ड्रोन के उपयोग की आवृत्ति, और प्रबंधन कौशल पर निर्भर करेगी। यदि एक ड्रोन दीदी प्रतिदिन औसतन 5-7 एकड़ का छिड़काव करती है और प्रति एकड़ उचित शुल्क लेती है, तो मासिक ₹8,000 से ₹15,000 कमाना संभव है। हालाँकि, शुरुआत में कम हो सकती है और मांग बढ़ने के साथ बढ़ सकती है। सरकार ने ₹1 लाख सालाना का औसत लक्ष्य रखा है।
क्या ड्रोन चलाने के लिए कोई लाइसेंस या परमिट की जरूरत होती है? क्या यह प्रशिक्षण में शामिल है?
हाँ, भारत में वाणिज्यिक उद्देश्य से ड्रोन उड़ाने के लिए ड्रोन पायलट लाइसेंस और ड्रोन को रजिस्टर कराना अनिवार्य है। सरकार द्वारा दिए जाने वाले प्रशिक्षण में आमतौर पर इस प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी जाती है और लाइसेंस प्राप्त करने में मदद की जा सकती है। लाइसेंस के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा निर्धारित प्रक्रिया और फीस (अलग से) का पालन करना होगा। यह योजना सीधे लाइसेंस फीस नहीं देती।
यदि हमारा SHG चयनित नहीं होता है, तो क्या हम दोबारा आवेदन कर सकते हैं?
जी हाँ, आमतौर पर योजना का कार्यान्वयन एक बार में नहीं बल्कि चरणबद्ध तरीके से होता है। यदि पहले चरण में आपका SHG चयनित नहीं होता है, तो आगे के चरणों या वर्षों में फिर से आवेदन का अवसर मिल सकता है। जिला समिति द्वारा जारी अधिसूचना या अपने नजदीकी PMKSK से इसकी जानकारी लेते रहें। साथ ही, अपने SHG की गतिविधियों को सक्रिय रखें और रिकॉर्ड बेहतर करें, इससे अगली बार चयन की संभावना बढ़ेगी।
ड्रोन के खराब होने या रखरखाव की स्थिति में क्या करें? क्या इसकी लागत SHG को वहन करनी होगी?
ड्रोन के रखरखाव की जिम्मेदारी SHG की होती है। प्रशिक्षण में बुनियादी रखरखाव सिखाया जाता है। गारंटी अवधि के दौरान निर्माता/विक्रेता से मुफ्त मरम्मत या सर्विस मिल सकती है। गारंटी खत्म होने के बाद मरम्मत लागत SHG को ही वहन करनी होगी, जो ड्रोन सेवाओं से होने वाली आय में से ही ली जा सकती है। कुछ राज्यों में सरकार द्वारा सर्विस सेंटर स्थापित किए जा सकते हैं या सहायता दी जा सकती है, इसकी जानकारी स्थानीय कृषि विभाग से लें।
निष्कर्ष: उड़ान भरने का समय आ गया है!
Namo Drone Didi Yojana सिर्फ एक आर्थिक सहायता कार्यक्रम नहीं है; यह ग्रामीण भारत में महिला सशक्तिकरण और कृषि आधुनिकीकरण की एक क्रांतिकारी पहल है। यह योजना दो बड़ी चुनौतियों – महिलाओं के लिए स्थायी आय के साधनों की कमी और कृषि में तकनीकी उन्नयन की आवश्यकता – को एक साथ हल करने का प्रयास करती है। ड्रोन दीदियाँ न केवल अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर रही हैं, बल्कि वे कृषि क्षेत्र में तकनीकी नेतृत्व की नई मिसाल भी कायम कर रही हैं। उनकी यह उड़ान पारंपरिक लैंगिक भूमिकाओं को तोड़ने और गाँवों में एक नए आत्मविश्वास का संचार करने का काम कर रही है। किसानों को भी अब छिड़काव जैसे कामों के लिए मजदूरों की कमी या अधिक लागत की चिंता नहीं; ड्रोन दीदियाँ उन्हें सटीक, तेज़ और किफायती सेवा दे रही हैं। ₹1261 करोड़ के बजट और 15,000 SHGs को लक्षित करने के सरकार के संकल्प से साफ है कि यह योजना आने वाले वर्षों में और विस्तार पाएगी। यदि आप किसी महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं, या आपका समूह इस योजना की पात्रता रखता है, तो देर न करें। अपने नजदीकी प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र (PMKSK) या ग्राम पंचायत कार्यालय पर संपर्क करें। जानकारी लें, आवेदन की प्रक्रिया समझें, और इस अद्भुत अवसर का हिस्सा बनकर ‘ड्रोन दीदी’ के रूप में अपनी और अपने समुदाय की तकदीर बदलने की उड़ान भरें! आखिरकार, जब दीदियाँ आगे बढ़ेंगी, तभी तो गाँव और देश दोनों तरक्की करेंगे। Namo Drone Didi Yojana आपको इसी तरक्की की राह दिखा रही है।


