Rojgar Protsahan Yojana (Employment Linked Incentive – ELI) सरकार की एक अभिनव पहल है जिसका उद्देश्य भारत में फॉर्मल रोजगार को बढ़ावा देना है। वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में घोषित इस योजना के तहत, नियोक्ताओं और पहली बार ईपीएफओ में पंजीकृत कर्मचारियों को वित्तीय प्रोत्साहन दिए जाते हैं। यह लेख आपको ELI योजना की विस्तृत जानकारी—लाभ, पात्रता, और आवेदन प्रक्रिया—हिंदी में समझाएगा।
नवीनतम अपडेट: जुलाई 2025 के कैबिनेट निर्णय के अनुसार, ईपीएफओ पंजीकरण और आधार सीडिंग 30 जून 2025 तक पूर्ण करनी होगी। यह योजना 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 के बीच सृजित रोजगारों को कवर करेगी।
Pradhan Mantri Rojgar Protsahan Yojana का उद्देश्य
भारत में 80% से अधिक कर्मचारी असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं, जहाँ सामाजिक सुरक्षा और स्थिर आय जैसे लाभ नहीं मिलते। ELI योजना के तीन प्रमुख लक्ष्य हैं:के प्रमुख लाभ
स्कीम A: प्रथम बार रोजगार योजना
- लाभार्थी: पहली बार ईपीएफओ में पंजीकृत कर्मचारी।
- वित्तीय सहायता:
- पहली किस्त: 6 महीने निरंतर रोजगार के बाद ₹7,500
- दूसरी किस्त: 12 महीने पूरे होने + वित्तीय साक्षरता कोर्स पास करने पर ₹7,500
- अधिकतम वेतन सीमा: ₹1 लाख/माह।
- अनुमानित लाभार्थी: 2.1 करोड़ युवा।
स्कीम B: विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन
- लाभार्थी: विनिर्माण इकाइयाँ जो न्यूनतम 50 नए कर्मचारी भर्ती करें।
- सब्सिडी वितरण (कर्मचारी + नियोक्ता को संयुक्त): वर्ष वेतन का % 1 24% 2 24% 3 16% 4 8%
- शर्त: कर्मचारी 12 महीने से पहले न छोड़े।
- अनुमानित लाभार्थी: 30 लाख कर्मचारी।
स्कीम C: नियोक्ता सहायता योजना
- लाभार्थी: सभी क्षेत्रों के नियोक्ता जो शुद्ध नई भर्ती करें।
- मासिक सब्सिडी (ईपीएफओ अंशदान में छूट): मासिक वेतन (₹) छूट राशि/माह ≤ 10,000 ₹1,000 10,001–20,000 ₹2,000 20,001–1,00,000 ₹3,000
- अवधि: 2 वर्ष (1,000+ रोजगार सृजित करने पर 4 वर्ष)।
- अनुमानित लाभार्थी: 50 लाख कर्मचारी।
पात्रता मानदंड
कर्मचारियों के लिए
- सभी स्कीम्स के लिए सामान्य:
- आधार, बैंक खाता और UAN लिंक होना अनिवार्य।
- अधिकतम वेतन: ₹1 लाख/माह।
- ईपीएफओ पंजीकरण 30 जून 2025 तक पूर्ण।
- विशेष: स्कीम A केवल पहली बार ईपीएफओ पंजीकृत कर्मचारियों के लिए।
नियोक्ताओं के लिए
- स्कीम B:
- ईपीएफओ पंजीकरण 3 वर्ष पुराना हो।
- न्यूनतम 50 नए कर्मचारी या पिछले वर्ष के बेसलाइन का 25% (जो भी कम हो)।
- स्कीम C:
- <50 कर्मचारी: न्यूनतम 2 नई भर्ती।
- ≥50 कर्मचारी: न्यूनतम 5 नई भर्ती।
आवेदन प्रक्रिया: चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका
कर्मचारी क्या करें?
- UAN सक्रिय करें: ईपीएफओ सदस्य पोर्टल पर लॉग इन करके।
- आधार लिंक करें: UAN और बैंक खाते से।
- वित्तीय साक्षरता कोर्स: स्कीम A की दूसरी किस्त के लिए NCS पोर्टल पर कोर्स पूरा करें।
नियोक्ता क्या करें?
- ईपीएफओ कंप्लायंस: पिछले 3 वर्षों का रिकॉर्ड अपडेट रखें।
- नई भर्ती: पात्रता अनुसार शुद्ध नए रोजगार सृजित करें।
- डेटा सत्यापन: ईपीएफओ पोर्टल पर नए कर्मचारियों का विवरण दर्ज करें।
- सब्सिडी दावा: योजना के तहत स्वतः प्रसंस्करण होगा (अलग पोर्टल की आवश्यकता नहीं)।
आवश्यक दस्तावेज
- कर्मचारियों के लिए:
- आधार कार्ड (बैंक खाते और UAN से लिंक)।
- पैन कार्ड।
- बैंक खाता विवरण।
- नियोक्ताओं के लिए:
- ईपीएफओ रजिस्ट्रेशन नंबर।
- पिछले 3 वर्षों का ईपीएफइंग रिकॉर्ड।
- नए कर्मचारियों की नियुक्ति प्रमाण पत्र।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
क्या स्कीम A और C एक साथ ली जा सकती है?
नहीं। स्कीम B के कर्मचारी स्कीम C के लिए पात्र नहीं हैं।
UAN सक्रिय न होने पर क्या करें?
ईपीएफओ पोर्टल पर “Activate UAN” विकल्प का उपयोग करें। मोबाइल नंबर लिंक होना आवश्यक है।
क्या पार्ट-टाइम कर्मचारी पात्र हैं?
हाँ, यदि वे ईपीएफओ में पंजीकृत हैं और वेतन ₹1 लाख/माह से कम है।
सब्सिडी कब तक मिलेगी?
स्कीम A: 2 वर्ष। स्कीम B: 4 वर्ष। स्कीम C: 2 वर्ष (बड़े नियोक्ताओं के लिए 4 वर्ष)।
क्या ऑनलाइन आवेदन अनिवार्य है?
हाँ, सभी प्रक्रियाएँ ईपीएफओ पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन हैं।
निष्कर्ष
रोजगार प्रोत्साहन योजना भारत के युवाओं और एमएसएमई क्षेत्र के लिए एक गेम-चेंजर पहल है। 30 जून 2025 तक ईपीएफओ पंजीकरण और आधार लिंक करना सुनिश्चित करें। योजना का पूरा लाभ लेने के लिए:
- कर्मचारी: वित्तीय साक्षरता कोर्स पूरा करें और UAN अपडेट रखें।
- नियोक्ता: ईपीएफओ कंप्लायंस का ध्यान रखें और नई भर्ती के दस्तावेज सुरक्षित रखें।
Rojgar Protsahan Yojana से न केवल रोजगार बढ़ेंगे, बल्कि अर्थव्यवस्था में औपचारिककरण को भी गति मिलेगी। अधिक जानकारी के लिए ईपीएफओ आधिकारिक वेबसाइट पर नियमित अपडेट देखें।
महत्वपूर्ण सुझाव: यदि आप पहली बार ईपीएफओ में पंजीकृत हैं, तो तुरंत अपना UAN सक्रिय करें। देरी होने पर आप योजना के लाभों से वंचित रह सकते हैं।