PM SVANidhi (प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर की आत्मनिर्भर निधि) भारत सरकार की एक ज़रूरी पहल है जो कोविड-19 महामारी से प्रभावित सड़क विक्रेताओं को आर्थिक मदद देने के लिए 1 जून 2020 को शुरू की गई। यह योजना आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) द्वारा चलाई जा रही है और इसका मुख्य लक्ष्य फेरीवालों, ठेलेवालों, रेहड़ीवालों जैसे छोटे विक्रेताओं को बिना गारंटी के कर्ज़ देकर उनकी आजीविका को पुनर्जीवित करना है।
PM SVANidhi के तहत पहले चरण में ₹10,000, दूसरे में ₹20,000 और तीसरे चरण में ₹50,000 तक का ऋण मिलता है, जिस पर 7% ब्याज सब्सिडी दी जाती है। साथ ही, डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए ₹100 प्रति माह तक का कैशबैक भी दिया जाता है। यह योजना सिर्फ़ आर्थिक सहायता ही नहीं देती, बल्कि अनौपचारिक क्षेत्र के कामगारों को मुख्यधारा में लाने की दिशा में एक सशक्त कदम है।
नवीनतम अपडेट: बढ़ाई गई योजना की अवधि
हाल ही में केंद्र सरकार ने PM SVANidhi को दिसंबर 2024 तक बढ़ाने का फैसला किया है। अब तक 50 लाख से अधिक विक्रेताओं को इसका लाभ मिल चुका है, और नए अपडेट के मुताबिक, डिजिटल लेनदेन करने वाले विक्रेताओं को अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि देने पर भी ज़ोर दिया जा रहा है। इसके अलावा, ऋण स्वीकृति प्रक्रिया को तेज़ करने के लिए टाउन वेंडिंग कमेटी (TVC) की भूमिका को सक्रिय किया गया है।
योजना का उद्देश्य
सड़क विक्रेताओं को आर्थिक सशक्तिकरण
PM SVANidhi का प्राथमिक उद्देश्य शहरी गरीबों, खासकर सड़क किनारे काम करने वाले विक्रेताओं को औपचारिक वित्तीय प्रणाली से जोड़ना है। ये विक्रेते शहरी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं—सब्ज़ियाँ, फल, चाय-नाश्ता, कपड़े, जूते या मरम्मत जैसी सेवाएँ शहरवासियों तक पहुँचाते हैं। लेकिन इनकी आय अनियमित होती है और संकट के समय इन्हें सबसे ज़्यादा नुकसान उठाना पड़ता है। इस योजना के ज़रिए:
- अनौपचारिक क्षेत्र को मुख्यधारा में लाना।
- कारोबार पुनर्शुरू करने के लिए त्वरित ऋण सुविधा देना।
- डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देकर पारदर्शिता लाना।
सामाजिक-आर्थिक बदलाव की नींव
इस योजना की खासियत यह है कि यह सिर्फ़ कर्ज़ देने तक सीमित नहीं है। बल्कि, विक्रेताओं को बैंकिंग प्रणाली से जोड़कर उनकी क्रेडिट हिस्ट्री बनाने में मदद करती है, जो भविष्य में बड़े ऋण लेने के लिए ज़रूरी है। साथ ही, डिजिटल लेनदेन से नकदी की चोरी या हेराफेरी का खतरा कम होता है।
PM SVANidhi के लाभ
वित्तीय लाभ: तुरंत राहत और दीर्घकालिक सपोर्ट
- बिना गारंटी का ऋण: पहले चरण में ₹10,000 तक का कर्ज़ बिना किसी ज़मानत के मिलता है।
- ब्याज में छूट: ऋण पर सिर्फ़ 7% ब्याज दर लागू होती है, जो सामान्य बाज़ार दर से काफी कम है।
- कैशबैक प्रोत्साहन: डिजिटल भुगतान करने पर ₹100 प्रति माह तक का अतिरिक्त लाभ।
- क्रमिक ऋण सुविधा: समय पर भुगतान करने पर अगले चरणों में ₹20,000 और फिर ₹50,000 तक का ऋण मिल सकता है।
गैर-वित्तीय लाभ: स्थिरता और सुरक्षा
- स्वास्थ्य बीमा: PM SVANidhi लाभार्थियों को आयुष्मान भारत योजना के तहत ₹5 लाख तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा मिलता है।
- पहचान का दस्तावेज़: वेंडिंग सर्टिफिकेट या लेटर ऑफ रिकमेंडेशन (LoR) मिलने से विक्रेताओं को पुलिस या नगर निगम की परेशानी से सुरक्षा मिलती है।
- कौशल विकास: कुछ राज्यों में ऋण के साथ बिज़नेस ट्रेनिंग भी दी जाती है।
पात्रता मानदंड
कौन आवेदन कर सकता है?
PM SVANidhi केवल शहरी क्षेत्रों में काम करने वाले सड़क विक्रेताओं के लिए है। पात्रता चार श्रेणियों में तय की गई है:
- श्रेणी A: जिनके पास नगर निगम द्वारा जारी वेंडिंग सर्टिफिकेट या पहचान पत्र है।
- श्रेणी B: जिन्हें सर्वे में तो शामिल किया गया था, लेकिन सर्टिफिकेट जारी नहीं हुआ।
- श्रेणी C: सर्वे के बाद काम शुरू करने वाले या जो सर्वे से छूट गए थे (इन्हें TVC से लेटर ऑफ रिकमेंडेशन चाहिए)।
- श्रेणी D: ग्रामीण या अर्ध-शहरी इलाकों के विक्रेते जो शहर की सीमा में काम करते हैं (TVC का LoR अनिवार्य)।
ध्यान रखने योग्य बातें
- आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए।
- ऋण सिर्फ़ कारोबार पुनर्जीवित करने के लिए दिया जाता है, निजी खर्च के लिए नहीं।
- एक परिवार से सिर्फ़ एक सदस्य ही आवेदन कर सकता है।
आवेदन प्रक्रिया
ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
- स्टेप 1: आधिकारिक वेबसाइट pmsvanidhi.mohua.gov.in पर जाएँ और “लॉग इन” बटन दबाएँ।
- स्टेप 2: मोबाइल नंबर और कैप्चा कोड डालकर OTP रिक्वेस्ट करें।
- स्टेप 3: वेंडर कैटेगरी चुनें और सर्वे रेफरेंस नंबर (SRN) डालें।
- स्टेप 4: फॉर्म भरें, ज़रूरी दस्तावेज़ अपलोड करें और सबमिट करें।
ऑफलाइन आवेदन के लिए टिप्स
- अपने नज़दीकी CSC (कॉमन सर्विस सेंटर) या नगर निगम कार्यालय में संपर्क करें।
- आधार कार्ड और मोबाइल नंबर को लिंक करवा लें (e-KYC के लिए ज़रूरी)।
- लोकल अथॉरिटी से लेटर ऑफ रिकमेंडेशन (LoR) लेना न भूलें।
- टोल-फ्री हेल्पलाइन: 1800111979 (सोम-शनि, सुबह 9:30 से शाम 6:00 बजे तक)।
- यूज़र मैनुअल: वेबसाइट पर “रिसोर्सेज” सेक्शन में विस्तृत गाइड उपलब्ध है।
आवश्यक दस्तावेज
पहला ऋण लेने के लिए
- श्रेणी A/B के लिए: वेंडिंग सर्टिफिकेट + आधार कार्ड।
- श्रेणी C/D के लिए: TVC/नगर निगम का LoR + आधार कार्ड।
- अतिरिक्त KYC: वोटर ID, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड या मनरेगा जॉब कार्ड।
दूसरा या तीसरा ऋण लेने के लिए
- पिछले ऋण का क्लोज़र प्रमाणपत्र।
- डिजिटल लेनदेन का रिकॉर्ड (कैशबैक पाने के लिए)।
कॉमन गलतियाँ जिनसे बचें
- बैंक अकाउंट और आधार का नाम मेल न होना।
- फोटो ब्लर या अधूरी होना।
- ग़लत श्रेणी का चयन करना।
FAQs
क्या PM SVANidhi का लाभ ग्रामीण विक्रेते ले सकते हैं?
जी हाँ, लेकिन सिर्फ़ तभी जब वे शहरी निगम सीमा के अंदर काम करते हों और TVC से LoR प्राप्त करें।
ऋण चुकौती में देरी होने पर क्या होगा?
Q2: ऋण चुकौती में देरी होने पर क्या होगा?
A: ब्याज सब्सिडी रद्द हो जाएगी और सामान्य दर लागू होगी। हालाँकि, अतिरिक्त जुर्माना नहीं लगता।
सर्वे रेफरेंस नंबर (SRN) न मिले तो क्या करें?
नगर निगम के वेंडर सेल से संपर्क करें या हेल्पलाइन पर SRN रिकवर करने का अनुरोध करें।
ऋण राशि का उपयोग सामान खरीदने के अलावा किस लिए कर सकते हैं?
किराया, उपकरण खरीद, स्टॉक जमा करने या दुकान का नवीनीकरण—कोई भी व्यावसायिक खर्च वैध है।
क्या ऋण मिलने के बाद भी डिजिटल कैशबैक मिलता रहेगा?
हाँ, जब तक ऋण चालू है, प्रति माह कम से कम 50 डिजिटल लेनदेन पर ₹100 कैशबैक मिलता है।
निष्कर्ष
PM SVANidhi सिर्फ़ एक ऋण योजना नहीं, बल्कि भारत के सड़क किनारे दिखने वाले अनगिनत छोटे कारोबारियों को गरिमा और आत्मविश्वास देने का माध्यम है। इससे न सिर्फ़ विक्रेताओं की आय बढ़ी है, बल्कि शहरी अर्थव्यवस्था में उनका योगदान भी मापने लायक हुआ है। अगर आप या आपके जान-पहचान में कोई पात्र विक्रेता है, तो इस योजना का लाभ ज़रूर उठाएँ। याद रखें, आत्मनिर्भर भारत की नींव ऐसे ही सूक्ष्म उद्यमियों के सशक्तिकरण से ही पुख्ता होगी।
आगे का रास्ता:
- नियमित अपडेट के लिए pmsvanidhi.mohua.gov.in बुकमार्क करें।
- डिजिटल भुगतान को आदत बनाएँ—UPI ऐप्स का इस्तेमाल शुरू करें।
- स्थानीय TVC से जुड़कर अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें।
“सही मौके का इंतज़ार मत करो—खुद वो मौका बनाओ। PM SVANidhi आपकी मेहनत को पंख देने का वादा करता है!”