Saturday, December 6, 2025
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Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna (PMFBY): अब करो अपनी फसल का बीमा, फसल नष्ट होने पर सकरकर देगी लाखो का मुआवजा

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna: भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहाँ हमारे अन्नदाता किसान प्रकृति की अनिश्चितताओं से निरंतर जूझते हैं। बेमौसम बारिश, सूखा, ओलावृष्टि या कीटों का प्रकोप – एक पल में पूरी मेहनत पर पानी फिर सकता है। ऐसे में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) किसानों के लिए एक वरदान साबित हुई है।

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यह केंद्र सरकार की एक अहम पहल है, जिसका उद्देश्य फसलों को प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और बीमारियों से होने वाले नुकसान के खिलाफ किसानों को वित्तीय सुरक्षा कवच प्रदान करना है। 18 फरवरी 2016 को लॉन्च हुई इस फसल बीमा योजना ने पुरानी योजनाओं की खामियों को दूर करते हुए किसान-हितैषी और प्रौद्योगिकी-आधारित दृष्टिकोण अपनाया है। सरल शब्दों में कहें तो, Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna किसानों को उनकी फसलों के लिए किफायती दरों पर व्यापक बीमा कवरेज मुहैया कराती है, जिससे उनकी आय स्थिर रहती है और वे नई कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित होते हैं। यह कृषि बीमा का एक आधुनिक और प्रभावी मॉडल है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के उद्देश्य

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna सिर्फ फसल नुकसान पर मुआवजा देने तक सीमित नहीं है। इसके पीछे गहरे और दूरगामी उद्देश्य हैं, जो भारतीय कृषि क्षेत्र को मजबूत और लचीला बनाने की दिशा में काम करते हैं:

  • वित्तीय सुरक्षा कवच: योजना का प्राथमिक उद्देश्य अप्रत्याशित घटनाओं (जैसे सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि, कीट/रोग) के कारण फसल क्षति या पूर्ण हानि से प्रभावित किसानों को त्वरित और पर्याप्त वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इससे किसान आर्थिक संकट से उबर सकते हैं और अगले सीजन में फिर से खेती शुरू कर सकते हैं।
  • किसान आय में स्थिरता: फसल बीमा किसानों को उनकी आय में स्थिरता लाने में मदद करती है। नुकसान होने पर भी उन्हें एक निश्चित राशि मिल जाती है, जिससे वे कर्ज के जाल में फंसने से बच सकते हैं और अपने परिवार के जीवनयापन तथा अगली फसल की तैयारी के लिए धन जुटा सकते हैं। यह किसान कल्याण का महत्वपूर्ण पहलू है।
  • नवीन कृषि पद्धतियों को प्रोत्साहन: जब किसानों को फसल नुकसान का डर कम होता है, तो वे जोखिम लेकर नई और अधिक उत्पादक कृषि तकनीकों, उन्नत बीजों और आधुनिक खेती के तरीकों को अपनाने के लिए प्रेरित होते हैं। यह दीर्घकाल में कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए जरूरी है।
  • फसल विविधीकरण: सुरक्षा का आश्वासन होने पर किसान सिर्फ पारंपरिक फसलों पर निर्भर न रहकर, बाजार की मांग के अनुसार अधिक मुनाफे वाली या जलवायु के अनुकूल नई फसलें (जैसे बागवानी फसलें) उगाने का प्रयास कर सकते हैं। इससे फसल विविधीकरण को बढ़ावा मिलता है।
  • किसानों की ऋण योग्यता में वृद्धि: Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna कवरेज किसानों की ऋण लेने की क्षमता (क्रेडिटवर्थनेस) को बेहतर बनाती है। बैंक और वित्तीय संस्थान बीमित फसल को सुरक्षा मानकर किसानों को ऋण देने के लिए अधिक इच्छुक होते हैं। यह किसान ऋण की सुविधा को बढ़ाता है।
  • कृषि क्षेत्र की वृद्धि और प्रतिस्पर्धात्मकता: उपरोक्त सभी कारक मिलकर भारतीय कृषि क्षेत्र को अधिक मजबूत, टिकाऊ और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में योगदान देते हैं। यह कृषि विकास की रीढ़ है।

पीएमएफबीवाई योजना के प्रमुख लाभ

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna किसानों को कई महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करती है, जो इसे एक आकर्षक और व्यावहारिक सुरक्षा जाल बनाते हैं:

  • किफायती प्रीमियम दरें (Affordable Premiums): यह योजना किसानों पर प्रीमियम का वित्तीय बोझ कम करने के लिए डिज़ाइन की गई है। सरकार बाकी प्रीमियम का भुगतान करती है।
    • खरीफ खाद्यान्न और तिलहन फसलों के लिए: किसान का अधिकतम प्रीमियम केवल 2%
    • रबी खाद्यान्न और तिलहन फसलों के लिए: किसान का अधिकतम प्रीमियम केवल 1.5%
    • वार्षिक वाणिज्यिक या बागवानी (हॉर्टिकल्चरल) फसलों के लिए: किसान का अधिकतम प्रीमियम केवल 5%
    • विशेष लाभ: पूर्वोत्तर राज्यों, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के किसानों के लिए सरकार पूरा प्रीमियम वहन करती है। किसानों को कुछ भी नहीं देना होता। यह सरकारी सब्सिडी का स्पष्ट उदाहरण है।
  • व्यापक कवरेज (Comprehensive Coverage):PMFBY फसल नुकसान के विभिन्न कारणों को कवर करती है:
    • प्राकृतिक आपदाएं: सूखा, बाढ़, जलभराव (इनंडेशन), भूस्खलन, चक्रवात, आंधी-तूफान, ओलावृष्टि, प्राकृतिक आग और बिजली गिरना।
    • कीट एवं रोग: फसलों को नष्ट करने वाले विभिन्न प्रकार के कीटों और बीमारियों के कारण होने वाली हानि।
    • स्थानीय आपदाएं (Localised Calamities): ऐसी घटनाएं जो किसी विशिष्ट नोटिफाइड क्षेत्र में अलग-अलग खेतों को प्रभावित करती हैं, जैसे ओलावृष्टि, भूस्खलन, जलभराव। यह कवरेज व्यक्तिगत खेत के आधार पर होती है।
    • बुआई रोकना (Prevented Sowing): यदि नोटिफाइड क्षेत्र के अधिकांश बीमित किसान प्रतिकूल मौसम की स्थिति (जैसे अपर्याप्त वर्षा) के कारण बीज बोने या रोपाई नहीं कर पाते हैं, तो वे अधिकतम बीमित राशि के 25% तक का दावा करने के पात्र होते हैं। यह उनके बीज, खाद आदि पर हुए खर्च की भरपाई करता है।
    • कटाई के बाद का नुकसान (Post-Harvest Losses): कटाई के तुरंत बाद होने वाले नुकसान भी कवर किए जाते हैं। यदि कटी हुई फसल को खेत में सुखाने के लिए फैलाया गया है (“कट एंड स्प्रेड” कंडीशन) और उसके बाद अचानक आए चक्रवात या चक्रवाती बारिश से फसल नष्ट हो जाती है, तो इसकी कवरेज है। यह कवरेज कटाई के बाद अधिकतम 14 दिनों तक के लिए होती है और व्यक्तिगत खेत के आधार पर लागू होती है।
  • समय पर मुआवजा (Timely Compensation): योजना का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है किसानों को उनका मुआवजा जल्द से जल्द दिलाना। PMFBY का लक्ष्य फसल कटाई के दो महीने के भीतर दावों का निपटान करना है। यह तेजी किसानों को वित्तीय संकट में फंसने और महाजनों के चंगुल में जाने से बचाने में मदद करती है। किसान सहायता का यह मुख्य आधार है।
  • प्रौद्योगिकी-संचालित कार्यान्वयन (Technology-Driven Implementation):PMFBY में सटीकता और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीकों का व्यापक उपयोग किया जा रहा है:
    • सैटेलाइट इमेजिंग: बड़े क्षेत्रों में फसल स्वास्थ्य और क्षति का आकलन करने के लिए।
    • ड्रोन्स: छोटे और मध्यम क्षेत्रों में हाई-रिज़ॉल्यूशन इमेजिंग और त्वरित आकलन के लिए।
    • मोबाइल ऐप्स: कटाई के पूर्व प्रयोगों (Crop Cutting Experiments – CCEs) के डेटा कलेक्शन, दावा प्रसंस्करण को ट्रैक करने और किसानों को सूचनाएं भेजने के लिए।
    • भू-टैगिंग: खेतों की सटीक लोकेशन रिकॉर्ड करने के लिए।
    • आधार लिंकेज: किसानों के बैंक खातों से सीधे भुगतान सुनिश्चित करने के लिए।
    • क्लाइमेट स्मार्ट कृषि: मौसम संबंधी डेटा का उपयोग जोखिम आकलन में सुधार के लिए। यह डिजिटल इंडिया की भावना के अनुरूप है।

पीएम फसल बीमा योजना के तहत कवर जोखिम

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna निम्नलिखित जोखिमों से होने वाली फसल हानि को कवर करती है:

जोखिम का प्रकारविवरणकवरेज का आधार
उपज हानि (खड़ी फसल)प्राकृतिक आग और बिजली गिरना; तूफान, ओलावृष्टि, बवंडर; बाढ़, जलभराव और भूस्खलन; कीट/रोग; सूखा।नोटिफाइड क्षेत्र
बुआई रोकनाप्रतिकूल मौसम के कारण अधिकांश किसानों द्वारा बीज बोने/रोपाई न कर पाना। अधिकतम बीमित राशि का 25% तक।नोटिफाइड क्षेत्र
कटाई के बाद का नुकसानकटी हुई फसल को खेत में सुखाने (“कट एंड स्प्रेड”) की अवस्था में चक्रवात/चक्रवाती बारिश से नुकसान। कटाई के बाद अधिकतम 14 दिन तक।व्यक्तिगत खेत
स्थानीय आपदाएंओलावृष्टि, भूस्खलन, जलभराव जैसे जोखिम जो नोटिफाइड क्षेत्र में अलग-अलग खेतों को प्रभावित करते हैं।व्यक्तिगत खेत
कीट एवं रोगों से हानिफसलों को प्रभावित करने वाले विभिन्न कीटों और बीमारियों के कारण होने वाली हानि।नोटिफाइड क्षेत्र

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna योजना के तहत बाहरी जोखिम

कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में होने वाली हानि योजना के तहत कवर नहीं होती है:

  • गैर-अधिसूचित क्षेत्र (Non-Notified Areas): Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna केवल उन्हीं क्षेत्रों में लागू होती है जिन्हें राज्य सरकार द्वारा योजना के लिए अधिसूचित किया गया है। गैर-अधिसूचित क्षेत्रों में फसल नुकसान आमतौर पर कवर नहीं किया जाता है। योजना का दायरा स्पष्ट है।
  • फसल चक्र से बाहर के नुकसान (Losses Outside the Crop Cycle): यदि नुकसान निर्धारित फसल चक्र (बुआई से लेकर कटाई तक की अवधि) के बाहर होता है, तो उसकी क्षतिपूर्ति नहीं की जाती है। उदाहरण के लिए, भंडारण में लंबे समय बाद होने वाली हानि (जब तक कि वह पोस्ट-हार्वेस्ट कवरेज के दायरे में न आए)।
  • लापरवाही और नियमों का पालन न करना (Negligence and Non-Compliance): यदि नुकसान किसान की लापरवाही (जैसे समय पर सिंचाई न करना, कीटनाशकों का उपयोग न करना), अनुशंसित कृषि पद्धतियों का पालन न करने, या फसल की पर्याप्त सुरक्षा न करने के कारण होता है, तो उसे कवरेज से बाहर रखा जा सकता है। कृषि विज्ञान के दिशानिर्देशों का पालन जरूरी है।
  • निर्दिष्ट सीमा से अधिक नुकसान (Losses Beyond Specified Limits): कुछ मामलों में, नुकसान की एक निर्धारित सीमा (थ्रेशहोल्ड) होती है। यदि नुकसान उस सीमा से कम है, या कुछ विशेष परिस्थितियों में उससे अधिक है, तो क्षतिपूर्ति नहीं मिल सकती है। योजना में क्षतिपूर्ति के लिए नुकसान की न्यूनतम सीमा (कट ऑफ लॉस) तय होती है।
  • प्रीमियम का भुगतान न करना (Non-Premium Payment): जो किसान अपने हिस्से का अनिवार्य प्रीमियम समय पर नहीं चुकाते हैं, उन्हें योजना का लाभ नहीं मिलता है। प्रीमियम भुगतान बीमा कवर सक्रिय होने की पूर्व शर्त है। बीमा प्रीमियम का भुगतान अनिवार्य है।
  • युद्ध और परमाणु जोखिम: युद्ध, दंगे, हड़ताल, आतंकवादी गतिविधियाँ या परमाणु जोखिमों से होने वाली हानि कवर नहीं होती।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए पात्रता

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna की पात्रता शर्तें काफी समावेशी हैं ताकि अधिक से अधिक किसान लाभान्वित हो सकें:

  • किसान का प्रकार: सभी प्रकार के किसान – छोटे, सीमांत, बड़े किसान, साथ ही काश्तकार किसान (टेनेंट फार्मर्स) और बटाईदार (शेयरक्रॉपर्स) भी शामिल हैं।
  • फसलें और क्षेत्र: केवल उन्हीं फसलों को बीमा कवर मिलता है जिन्हें राज्य सरकार द्वारा उस विशिष्ट मौसम (खरीफ/रबी) और विशिष्ट क्षेत्र (जिला/तालुका/ब्लॉक स्तर) के लिए अधिसूचित (Notified) किया गया हो। अधिसूचित फसलों की सूची महत्वपूर्ण है।
  • बीमा योग्य हित (Insurable Interest): बीमा के लिए आवेदन करने वाले किसान का उस भूमि पर और उगाई जा रही फसल पर वैधानिक हित (मालिकाना हक या खेती करने का अधिकार) होना चाहिए।
  • भूमि दस्तावेज़ (Land Documents): किसान के पास भूमि के स्वामित्व या काश्तकारी/बटाईदारी के सबूत के रूप में वैध और प्रमाणित दस्तावेज होने चाहिए। यह हो सकता है:
    • भूमि स्वामित्व प्रमाणपत्र (जमाबंदी / खतौनी)
    • भूमि कब्जा प्रमाणपत्र (Land Possession Certificate – LPC)
    • राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित या अनुमति प्राप्त वैध काश्तकारी या बटाईदारी समझौता (जैसे फॉर्म 7/12, 8-A आदि, जो राज्य पर निर्भर करता है)।
  • खेती करने वाला: किसान स्वयं उस भूमि पर खेती करने वाला काश्तकार या बटाईदार होना चाहिए।
  • आवेदन की समय सीमा (Application Time Frame): किसान को बीमा कवर के लिए निर्धारित समय सीमा के भीतर आवेदन करना अनिवार्य है। यह समय सीमा आमतौर पर फसल बोने के मौसम की शुरुआत के दो सप्ताह के भीतर होती है। आवेदन की अंतिम तिथि का ध्यान रखना जरूरी है।
  • दोहरा लाभ निषेध: यदि किसान को किसी अन्य स्रोत या योजना (जैसे राज्य आपदा राहत कोष) से उसी फसल नुकसान के लिए पहले ही मुआवजा मिल चुका है, तो वह PMFBY के तहत दावा करने का पात्र नहीं होगा। दोहरी क्षतिपूर्ति नहीं मिलेगी।

पीएम फसल बीमा योजना में आवेदन कैसे करें?

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna के तहत आवेदन करने के लिए किसानों के पास तीन सुविधाजनक विकल्प हैं:

1. ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया (Online Application Process)

यह सबसे तेज और पारदर्शी तरीका है। आधिकारिक वेबसाइट https://pmfby.gov.in पर जाकर आवेदन करें:

  • चरण 1: “प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना” की आधिकारिक वेबसाइट https://pmfby.gov.in पर जाएं।
  • चरण 2: होमपेज के ऊपरी दाएं कोने में “फार्मर कॉर्नर (Farmer Corner)” पर क्लिक करें। पॉप-अप विंडो में, “अतिथि किसान (Guest Farmer)” पर क्लिक करें। आप ऑनलाइन पंजीकरण फॉर्म पर पहुंच जाएंगे। अगर पहले से पंजीकृत हैं, तो चरण 4 पर जाएं।
  • चरण 3: पंजीकरण फॉर्म में निम्नलिखित अनिवार्य फ़ील्ड (लाल तारे से चिह्नित) भरें:
    • “किसान विवरण” सेक्शन: पूरा नाम, बैंक पासबुक में नाम, संबंध, रिश्तेदार का नाम, मोबाइल नंबर, आयु, जाति श्रेणी, लिंग, किसान प्रकार (स्वामी/काश्तकार/बटाईदार), किसान श्रेणी (लघु/सीमांत/अन्य), आधार लिंक्ड (हाँ/ना)।
    • “आवासीय विवरण” सेक्शन: राज्य, जिला, उप जिला (तहसील/ब्लॉक), आवासीय गाँव/शहर, पूरा पता, पिन कोड।
    • “किसान आईडी” सेक्शन: आईडी प्रकार (आधार/पैन/वोटर आईडी आदि), आईडी नंबर।
    • “खाता विवरण” सेक्शन: आईएफएससी कोड, बैंक का नाम, शाखा का नाम, बचत बैंक खाता संख्या, बचत बैंक खाता संख्या की पुष्टि करें।
    • पंजीकरण फॉर्म के निचले भाग में, कैप्चा कोड भरें और “उपयोगकर्ता बनाएं (Create User)” पर क्लिक करें।
  • चरण 4: सफल पंजीकरण के बाद, “फार्मर कॉर्नर (अपना फसल बीमा स्वयं अप्लाई करें)” पर क्लिक करें। पॉप-अप विंडो में, “लॉगिन फॉर फार्मर (Login for Farmer)” पर क्लिक करें। आप लॉगिन पेज https://pmfby.gov.in/farmerLogin पर पहुंच जाएंगे।
  • चरण 5: लॉगिन पेज पर, अपना पंजीकृत मोबाइल नंबर डालें, कैप्चा कोड भरें, फिर “ओटीपी के लिए अनुरोध करें (Request for OTP)” पर क्लिक करें। अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी दर्ज करें और “सबमिट (Submit)” पर क्लिक करें। आप “किसान आवेदन पत्र (Farmer Application Form)” पर पहुंच जाएंगे।
  • चरण 6: आवेदन पत्र के सभी अनिवार्य फ़ील्ड भरें और निर्दिष्ट फॉर्मेट और साइज़ में सभी अनिवार्य दस्तावेज़ अपलोड करें। “पूर्वावलोकन (Preview)” पर क्लिक करके दी गई सभी जानकारी और अपलोड किए गए दस्तावेजों को ध्यान से देखें। आवेदन जमा करने के लिए “सबमिट (Submit)” पर क्लिक करें। आपको एक पुष्टिकरण संदेश मिलेगा।
  • चरण 7: पॉप-अप विंडो में, निम्न विकल्प दिखाई देंगे: “भुगतान बाद में (Pay Later)” और “भुगतान करें (Make Payment)”। अगर आप बीमा का प्रीमियम बाद में भरना चाहते हैं तो “भुगतान बाद में” चुनें। अन्यथा, “भुगतान करें” चुनें।
  • चरण 8: सफल भुगतान पर, आप भुगतान की रसीद प्रिंट कर सकते हैं।
  • आवेदन स्थिति ट्रैक करें: आप Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna वेबसाइट के होमपेज पर ‘आवेदन स्थिति (Application Status)’ विकल्प के माध्यम से अपने आवेदन की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं। आपको अपना आवेदन संदर्भ नंबर (Application Reference Number) दर्ज करना होगा।

2. ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया (Offline Application Process)

जिन किसानों को इंटरनेट की सुविधा नहीं है, वे ऑफलाइन तरीके से आवेदन कर सकते हैं:

  • चरण 1: इच्छुक आवेदक को निकटतम भागीदार बैंक (जहां से उन्होंने ऋण लिया है या जिसमें उनका खाता है) या बीमा कंपनी के कार्यालय में जाना चाहिए। कर्मचारी से आवेदन पत्र का निर्धारित प्रारूप मांगें।
  • चरण 2: आवेदन पत्र में सभी अनिवार्य फ़ील्ड भरें, पासपोर्ट साइज फोटो चिपकाएं (यदि आवश्यक हो तो उस पर हस्ताक्षर करें), और सभी अनिवार्य दस्तावेजों की प्रतियां संलग्न करें (यदि आवश्यक हो तो स्व-प्रमाणित करें)।
  • चरण 3: भरे हुए और हस्ताक्षरित आवेदन पत्र को संलग्न दस्तावेजों की प्रतियों के साथ कार्यालय के कर्मचारी को जमा करें। कार्यालय में लागू प्रीमियम राशि का भुगतान करें।
  • चरण 4: आपको एक आवेदन संदर्भ नंबर दिया जाएगा, जिसका उपयोग करके आप अपने आवेदन की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं।
  • आवेदन स्थिति ट्रैक करें: आप Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna वेबसाइट के होमपेज पर ‘आवेदन स्थिति (Application Status)’ विकल्प के माध्यम से अपने आवेदन की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं।

3. सीएससी के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन (Online Application via CSCs – Common Service Centres)

कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सरकारी सेवाएं प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा अधिकृत केंद्र हैं। Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna के लिए आवेदन करने का यह भी एक आसान तरीका है:

  • चरण 1: अपने निकटतम कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) पर जाएं। सीएससी का पता आप https://findmycsc.nic.in/ पर ढूंढ सकते हैं।
  • चरण 2: सीएससी पर ग्राम स्तरीय उद्यमी (वीएलई – Village Level Entrepreneur) को बताएं कि आप Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna के लिए आवेदन करना चाहते हैं। अगर आपको आवेदन में सहायता/मार्गदर्शन की आवश्यकता है या आप चाहते हैं कि वीएलई आपकी ओर से योजना के लिए आवेदन करे, तो उन्हें सूचित करें।
  • चरण 3: वीएलई को अनिवार्य फ़ील्ड्स की जानकारी और आवश्यक दस्तावेजों की सॉफ्ट कॉपी प्रदान करें। वीएलई आपकी ओर से ऑनलाइल आवेदन पूरा करेगा।
  • चरण 4: आपके आवेदन के सफलतापूर्वक जमा हो जाने पर, वीएलई को लागू प्रीमियम राशि का भुगतान करें। प्रीमियम राशि फसल, क्षेत्र और अन्य कारकों के आधार पर अलग-अलग हो सकती है।
  • चरण 5: आवेदन जमा करने के प्रमाण के रूप में वीएलई से एक पावती रसीद प्राप्त करें।
  • आवेदन स्थिति ट्रैक करें: आप Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna वेबसाइट के होमपेज पर ‘आवेदन स्थिति (Application Status)’ विकल्प के माध्यम से अपने आवेदन की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं।
  • महत्वपूर्ण: जमा किए गए सभी दस्तावेजों और पावती रसीद की प्रतियां भविष्य के संदर्भ के लिए सुरक्षित रखें। किसी भी प्रश्न या सहायता के लिए सीएससी केंद्र का संपर्क विवरण नोट कर लें।

पीएमएफबीवाई योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna के लिए आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:

  • पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ: हालिया फोटो।
  • पासबुक: बैंक पासबुक की फर्स्ट पेज की कॉपी, जिस पर किसान का नाम, खाता संख्या, आईएफएससी कोड और बैंक शाखा का नाम स्पष्ट रूप से दिखाई दे। यह बैंक खाता विवरण के लिए जरूरी है।
  • पहचान प्रमाण (Identity Proof): निम्न में से कोई एक वैध दस्तावेज:
    • आधार कार्ड (अनिवार्य रूप से लिंक करने के लिए प्रोत्साहित)
    • पैन कार्ड
    • मतदाता पहचान पत्र (वोटर आईडी)
    • फोटो युक्त बैंक पासबुक
    • किसान फोटो पुस्तक (यदि राज्य द्वारा जारी)
    • मनरेगा जॉब कार्ड (फोटो युक्त)
  • पता प्रमाण (Address Proof): निम्न में से कोई एक वैध दस्तावेज (यदि पहचान प्रमाण में पता नहीं है):
    • आधार कार्ड
    • पैन कार्ड
    • मतदाता पहचान पत्र (वोटर आईडी)
    • बिजली बिल (हालिया)
    • फोटो युक्त बैंक पासबुक
  • भूमि अभिलेखों का प्रमाण (Evidence of Land Records): यह सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है। किसान को अपने भूमि स्वामित्व या खेती के अधिकार को साबित करने के लिए राज्य-विशिष्ट दस्तावेज जमा करने होंगे। ये हो सकते हैं:
    • राज्य के अभिलेखों के अधिकार के अनुसार भूमि अभिलेख (रिकॉर्ड ऑफ राइट्स – RoR), जैसे खतौनी, जमाबंदी, 7/12, 8-ए आदि।
    • भूमि कब्जा प्रमाणपत्र (Land Possession Certificate – LPC)।
    • वैध काश्तकारी समझौता (Lease Agreement) या बटाईदारी समझौता (Sharecropping Agreement), अगर राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित या अनुमत है।
    • राजस्व अधिकारी द्वारा जारी भूमि प्रमाण पत्र।
  • बोई गई/बोने का इरादा की गई फसल के बारे में घोषणा (Declaration about the crop sown/intended to be sown): आवेदन पत्र में ही फसल का विवरण भरा जाता है, जो एक घोषणा के रूप में कार्य करता है।

नोट: सभी दस्तावेजों की स्व-प्रमाणित प्रतियां ही जमा की जाती हैं। मूल दस्तावेजों की आमतौर पर आवश्यकता नहीं होती, लेकिन सत्यापन के लिए मूल दिखाने के लिए कहा जा सकता है।

पीएम फसल बीमा योजना: नए अपडेट और सुधार

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna को लगातार किसानों के लिए और अधिक प्रभावी, पारदर्शी और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने के लिए अपडेट किया जाता रहा है। कुछ प्रमुख हालिया अपडेट और सुधार हैं:

  • वैकल्पिक प्रीमियम भुगतान: अब किसानों को अपना हिस्सा (2%, 1.5% या 5%) प्रीमियम केवल एक बार भरना होगा, भले ही वे एक ही भूमि पर एक से अधिक फसल उगाएं। पहले प्रत्येक फसल के लिए अलग से भुगतान करना पड़ता था। यह किसान सुविधा को बढ़ाता है।
  • कटाई के पूर्व प्रयोगों (CCEs) में कमी: अब राज्यों को सैटेलाइट डेटा, ड्रोन इमेजरी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी प्रौद्योगिकियों के उपयोग को प्राथमिकता देते हुए, कटाई के पूर्व प्रयोगों (Crop Cutting Experiments – CCEs) की संख्या कम करने की अनुमति है। इससे प्रक्रिया तेज होगी और दावा निपटान में तेजी आएगी। डिजिटल कृषि को बढ़ावा।
  • दावा निपटान में तेजी: सरकार ने दावा निपटान प्रक्रिया को और कारगर बनाने पर जोर दिया है। फसल कटाई के 45 दिनों के भीतर अंतिम दावा निपटान और कटाई के 30 दिनों के भीतर अग्रिम दावा भुगतान का लक्ष्य रखा गया है। तेज मुआवजा किसानों की मुख्य मांग है।
  • बीमा कंपनियों के लिए सख्त मानदंड: बेहतर सेवा सुनिश्चित करने के लिए योजना में भाग लेने वाली बीमा कंपनियों के लिए पात्रता मानदंड और कार्य प्रदर्शन मानक सख्त किए गए हैं।
  • जोखिम प्रबंधन पर जोर: सरकार जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को ध्यान में रखते हुए और अधिक परिष्कृत जोखिम मॉडल विकसित करने और क्लाइमेट स्मार्ट कृषि को बढ़ावा देने पर काम कर रही है।
  • जागरूकता अभियानों में वृद्धि: किसानों, विशेषकर छोटे और सीमांत किसानों, काश्तकारों और महिला किसानों तक योजना की पहुंच बढ़ाने और उन्हें इसके लाभों के बारे में शिक्षित करने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। किसान जागरूकता महत्वपूर्ण है।
  • सीएससी और बैंकों की भूमिका बढ़ाना: आवेदन प्रक्रिया को सुगम बनाने और किसानों के पास ले जाने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर्स (सीएससी) और बैंकों की भागीदारी को और मजबूत किया जा रहा है। ग्रामीण कनेक्टिविटी बढ़ाना।

FAQs

क्या PMFBY केवल कर्ज लेने वाले किसानों के लिए है?

 नहीं। Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna सभी किसानों के लिए खुली है, चाहे उन्होंने बैंक से कर्ज लिया हो या नहीं। गैर-ऋणी किसान (Non-Loanee Farmers) भी सीधे योजना में भाग ले सकते हैं और लाभ उठा सकते हैं।

अगर मेरी फसल को आंशिक नुकसान हुआ है, तो क्या मुझे मुआवजा मिलेगा?

हां, Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna आंशिक नुकसान को भी कवर करती है। मुआवजे की राशि नोटिफाइड क्षेत्र में समग्र फसल उत्पादन में कमी (उपज हानि) के प्रतिशत के आधार पर निर्धारित की जाती है। नुकसान का स्तर जितना अधिक होगा, मुआवजा उतना ही अधिक होगा। हालांकि, एक न्यूनतम सीमा (कट-ऑफ लॉस) होती है, जिससे कम नुकसान पर मुआवजा नहीं मिलता।

मैं कैसे जान सकता हूँ कि मेरा क्षेत्र और फसल योजना के लिए अधिसूचित है?

उत्तर: इसकी जानकारी के लिए आप:Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna की आधिकारिक वेबसाइट https://pmfby.gov.in पर जा सकते हैं। वहां आमतौर पर राज्यवार अधिसूचित क्षेत्रों और फसलों की सूची उपलब्ध होती है।
अपने जिले के कृषि विभाग के कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।
अपने गाँव के पटवारी/लेखपाल या कृषि सहायक से पूछ सकते हैं।
अपने बैंक या निकटतम सीएससी केंद्र से पता लगा सकते हैं।

दावा कैसे दर्ज करें? क्या यह अलग प्रक्रिया है?

 Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna के तहत दावा दर्ज करने की कोई अलग प्रक्रिया नहीं है। नुकसान का आकलन सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार किया जाता है, जिसमें सैटेलाइट डेटा, ड्रोन सर्वे, कटाई के पूर्व प्रयोग (CCEs) और स्थानीय अधिकारियों की रिपोर्ट शामिल होती है। यदि आपके क्षेत्र में फसल नुकसान की घटना अधिसूचित है और आपने बीमा करवाया है, तो आपका दावा स्वचालित रूप से प्रसंस्करण के लिए जाता है। हालांकि, यह सुनिश्चित करना आपकी जिम्मेदारी है कि आपने समय पर प्रीमियम भरा है और आपका बैंक खाता आधार से लिंक है ताकि मुआवजा सीधे आपके खाते में आ सके। किसी भी जानकारी के लिए आप टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर (1800116516) पर कॉल कर सकते हैं या वेबसाइट चेक कर सकते हैं।

अगर मैं काश्तकार हूँ और मेरे पास जमीन के कागजात नहीं हैं, तो क्या मैं योजना के लिए आवेदन कर सकता हूँ?

हां, काश्तकार किसान (टेनेंट फार्मर्स) और बटाईदार (शेयरक्रॉपर्स) भी योजना के लिए पात्र हैं। आपको राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित या अनुमति प्राप्त एक वैध काश्तकारी/बटाईदारी समझौते की प्रति जमा करनी होगी। साथ ही, आपको जमीन के मालिक से एक स्वामित्व प्रमाण पत्र या एक घोषणापत्र (जिसमें यह स्वीकार किया गया हो कि आप उस जमीन पर खेती कर रहे हैं) की भी आवश्यकता हो सकती है। अपने जिले के कृषि अधिकारियों से इस बारे में विस्तृत जानकारी लें।

क्या पिछले सीजन में हुए नुकसान के लिए मैं अभी भी आवेदन कर सकता हूँ?

नहीं। Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna एक वार्षिक बीमा योजना है जो प्रत्येक फसल सीजन के लिए अलग से ली जाती है। आप केवल उसी सीजन के लिए दावा कर सकते हैं जिस सीजन के लिए आपने समय पर बीमा प्रीमियम का भुगतान किया था और आवेदन किया था। पिछले सीजन के नुकसान के लिए आवेदन नहीं किया जा सकता। आवेदन की समय सीमा का पालन करना जरूरी है।

 यदि मुझे मुआवजा नहीं मिला है या मुझे अपने दावे की स्थिति के बारे में जानकारी चाहिए, तो मैं किससे संपर्क करूं?

आप निम्न तरीकों से संपर्क कर सकते हैं:Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna आधिकारिक वेबसाइट पर ‘आवेदन स्थिति’ या ‘दावा स्थिति’ ट्रैक करें।
टोल-फ्री हेल्पलाइन: 1800116516 (सोमवार से शनिवार, सुबह 9:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक)।
अपने जिले के कृषि विभाग के अधिकारी से संपर्क करें।
अपने बैंक शाखा प्रबंधक से संपर्क करें (यदि आपने ऋण लिया है)।
संबंधित बीमा कंपनी की शाखा या ग्राहक सेवा केंद्र से संपर्क करें।

निष्कर्ष: एक मजबूत कृषि भविष्य की ओर

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) भारतीय कृषि क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है। यह केवल फसल नुकसान पर मुआवजा देने वाली योजना नहीं है, बल्कि किसानों को प्रकृति की मार से उबारकर उन्हें आर्थिक रूप से स्थिर, आत्मविश्वासी और नवाचार के लिए प्रेरित करने वाला एक सशक्तिकरण उपकरण है। किफायती प्रीमियम, व्यापक जोखिम कवरेज, प्रौद्योगिकी का उपयोग और समय पर मुआवजे के प्रावधानों ने इसे किसानों के बीच विश्वसनीयता दिलाई है।

हालांकि, चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं, जैसे कुछ क्षेत्रों में जागरूकता की कमी, कभी-कभी दावा निपटान में देरी, और काश्तकार किसानों तक पूरी पहुंच सुनिश्चित करना। सरकार लगातार इन चुनौतियों को दूर करने के लिए नियमों में सुधार और प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा दे रही है, जैसा कि हाल के अपडेट्स में देखा गया है।

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna का सफल कार्यान्वयन केंद्र और राज्य सरकारों, बीमा कंपनियों, बैंकों और सबसे महत्वपूर्ण, किसानों के बीच मजबूत सहयोग पर निर्भर करता है। जब किसान इस योजना के लाभों को समझकर और समय पर आवेदन करके सक्रिय भागीदारी करते हैं, तभी इसका वास्तविक उद्देश्य पूरा होता है।

यह योजना न केवल व्यक्तिगत किसानों को सुरक्षा प्रदान करती है, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा और कृषि अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करती है। एक सुरक्षित किसान ही नई तकनीक अपनाने, उत्पादकता बढ़ाने और अंततः राष्ट्र की समृद्धि में योगदान देने के लिए प्रेरित होता है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना इसी सुरक्षा और प्रेरणा का आधार बनकर भारत के किसानों को हर मौसम में, हर चुनौती का सामना करने की ताकत दे रही है, ताकि हमारे अन्नदाता निश्चिंत होकर देश को अन्न से भर सकें। यह सच्चे अर्थों में किसान कल्याण और कृषि विकास की धुरी है।

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नमस्कार दोस्तों! मेरा नाम Sunil Kumar है। मैं इस ब्लॉग का लेखक और संस्थापक हूं। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से मैं आप सभी के लिए सरकारी योजनाओं, शिक्षा से जुड़ी नौकरियों, परीक्षा परिणामों, ताज़ा खबरों और तकनीकी जानकारी को सरल और सटीक रूप में प्रस्तुत करता हूं।
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